कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिए कि उस ने कंगालो को सुसमाचार सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिए भेजा है, कि बन्धुओं को छुटकारे का और अन्धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूँ और कुचले हुओं को छुड़ाऊँ। -लूका 4:18
मैं एक शोकित पृष्ठभूमि और दुष्क्रिया परिवार से आई थी। मेरा बचपन भय और यातना से भरा रहा था।
एक युवा बालक होते, मसीह के लिए जीवन व्यतीत करने और मसीही जीवनशैली की पालना करने का प्रयास करते, मैंने विश्वास किया कि मेरा भविष्य सदैव मेरे अतीत के द्वारा क्षतिग्रस्त रहेगा। मैंने सोचा, कैसे कोई जिसका अतीत मेरे जैसे रहा होगा वह सचमुच सही होगा? यह तो असंभव है!
पर यीशु ने कहा, प्रभु का आत्मा मुझ पर है… उसने मुझे बन्धियों को छुटकारे का प्रचार करने के लिए भेजा था…यीशु बन्धनों के द्वार खोलने और गुलामों को आजाद करने के लिए आया था।
मैं तब तक कोई उन्नति ना कर सकी जब तक मैंने यह नहीं पहचाना कि परमेश्वर मुझे मेरे अतीत की कैद से आजाद करना चाहता था। मुझे यह विश्वास करना पड़ा कि ना तो मेरा अतीत, ना मेरा वर्तमान मेरे भविष्य को निर्धारित करता है, जब तक मैं इसकी अनुमति नहीं देती। मुझे परमेश्वर को चमत्कारी ढंग से मुझे आजाद करने की अनुमति देनी पड़ी।
हो सकता है कि आपका एक लाचार अतीत रहा हो जो कि नकारात्मक और निराशा से भरे ढंगो में आपके वर्तमान को प्रभावित करता है। पर मैं साहस के साथ आपसे कहती हूँ, आपके भविष्य को आपके अतीत या आपके वर्तमान के द्वारा निर्धारित होने की आवश्यकता नहीं है! परमेश्वर को आपके अतीत के सभी बन्धनों को तोड़ने की अनुमति दें।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं विश्वास करती हूँ कि आप मेरे अतीत से ज्यादा शक्तिशाली है। आजादी जो आप मुझे देते उसको मैं स्वीकार करती हूँ और जो योजनाएं आपके पास मेरे लिए है उनमें जीवन व्यतीत करना चाहती हूँ।