परमेश्वर आपको खोज लेगें

देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करूणा की आशा रखते हैं बनी रहती है। (भजन संहिता 33:18)

मुझे याद है कि एक समय था जब मैं परमेश्वर से सुनने की इतनी कोशिश कर रही थी और मुझे गलती करने का डर था। उस समय, मैंने परमेश्वर की आवाज सुनना सीखना शुरू कर दिया था। आत्मा के नेतृत्व में होना मेरे लिए नया था, और मुझे डर था क्योंकि मुझे परमेश्वर से सुनने के बारे में, यह जानने के लिए मैं वास्तव में सुन रही थी या नहीं इसका पर्याप्त अनुभव नहीं था। मुझे यह समझ नहीं आया कि अगर हमारा दिल सही है तो परमेश्वर हमारी गलतियों को माफ कर देंगे।

वह मुझसे बात कर रहे थे और वह मुझे विश्वास में आगे बढ़ाने और कुछ करवाने की कोशिश कर रहें थे, लेकिन मैं कहती रही, “परमेश्वर, अगर मैं आप से चूक जाऊं तो क्या होगा? क्या होगा अगर मैं वास्तव में आपको नहीं सुन रही हूं और मैं गलत कर रही हूं? मुझे डर लग रहा है मैं आप से चूक जाउंगी, परमेश्वर!”

उसने मुझसे बात की और बस कहा, “जॉयस, चिंता मत करो। अगर तुम मुझे याद करती हो, मैं तुम्हे ढूंढ लूँगा।” उन शब्दों ने मुझे वह करने की हिम्मत दी जो परमेश्वर मुझे करने के लिए कह रहे थे, और इससे मेरे दिल को बहुत शांति मिली। पहली बार से ही जब से मैंने ये शब्द सुने हैं, उन्होंने मुझे कई बार विश्वास में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया हैं। मैं उन्हें आज आपके साथ साझा कर रही हूं ताकि आप भी प्रोत्साहित हो सकें कि आपको भी जो परमेश्वर अभी आपको क्या कह रहें है, उसकी प्रतिक्रिया में विश्वास के कदम उठाने चाहिए।
यदि आप अपने जीवन में परमेश्वर की इच्छा को किसी भी चीज से अधिक चाहते हैं, और यदि आपने वह सब कुछ कर लिया है जो आप जानते हैं कि आप परमेश्वर से सुनने के लिए कर सकते हैं, तो आपको एक मौका लेना होगा, कदम उठाना होगा, और विश्वास करना होगा। यहां तक कि अगर आप कोई गलती करते हैं, तो परमेश्वर इसे ठीक कर देंगे और वह आपकी भलाई के लिए काम करेंगे।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः जो कुछ भी आपने परमेश्वर से सुना है उसके बारे में विश्वास करने का एक अवसर लें, और उससे चूकने के बारे में ना डरें।

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