तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में [तुम मुझ में रहो, और मैं तुम में रहूंगा]। (यूहन्ना 15:4)
परमेश्वर हम में क्यों रहना चाहते हैं? और वह ऐसा कैसे कर सकते हैं? आखिरकार, वह पवित्र है, और हम निर्बलता, दोष और असफलताओं के मानव शरीर हैं।
जवाब आसान हैः वह हमसे प्यार करता है, और हम में अपना घर बनाने का चुनाव करता है। वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वह परमेश्वर है; उसके पास वह करने की क्षमता है जो वह करना चाहता है, और वह हमारे दिल में अपना घर बनाने का चुनाव करता है। परमेश्वर का यह चुनाव हमारे द्वारा किए गए किसी अच्छे कर्म पर आधारित नहीं है या कभी जो हम करेंगे उस पर आधारित नहीं हो सकता है; यह पूरी तरह से परमेश्वर की कृपा, शक्ति और दया पर आधारित है। हम यीशु मसीह पर विश्वास करके परमेश्वर के घर बन जाते हैं (जैसा कि परमेश्वर हमें बाइबल में निर्देश देते हैं)।
आज का वचन इस तथ्य पर जोर देता है कि हमें यीशु मसीह पर विश्वास करना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने उसे भेजा था ताकि हम परमेश्वर के साथ अंतरंगता का अनुभव कर सकें। उस पर विश्वास करने से हमें उसकी आवाज सुनने में मदद मिलती है, हम दिल में परमेश्वर के वचन को स्वीकार करते है, और उसकी उपस्थिति महसूस होती है।
यह विश्वास करने के अलावा कि यीशु मानव जाति के लिए परमेश्वर का स्वर्ग से आया उपहार है, हमें बस यह विश्वास करना है कि हमारे पापों के लिए यीशु का बलिदान हमें परमेश्वर की उपस्थिति में आने देने के लिए पर्याप्त था। जब हम यीशु को अपने उद्धारकर्ता और प्रभु के रूप में स्वीकार करते हैं तो हम परमेश्वर के घर बन जाते हैं। उस स्थिति से, पवित्र आत्मा की शक्ति से, वह हम में एक अद्भुत काम शुरू करता है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः सुनिश्चित करें कि परमेश्वर आपके दिल को उसका घर महसूस करता है।