न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। – रोमियों 8:39
शोषण का अर्थ “गलत इस्तेमाल, दुरूपयोग, दुव्र्यवहार के द्वारा उपयोग करना या जख्मी करना” है। शोषण के प्रभाव विनाशकारी और लम्बे समय तक रहने वाले हो सकते है। बहुत से लोग कभी भी इससे चंगा नहीं होते है।
यहां पर भिन्न-भिन्न किस्म का शोषण होता हैः शरीरिक, भावनात्मक, मौखिक, और यौन शोषण। चाहे कोई भी किस्म हो, परिणाम सदा भयानक होते है। यह आपको सही तरह से कार्य करने से रोकेगा और आपको परमेश्वर का प्रेम प्राप्त करने और उसके राज्य की धार्मिकता, शांति और आनन्द का अनुभव करने से रोकेगा।
मैं इसे अपने अनुभव से समझती हूँ क्योंकि मेरा बचपन से ही शोषण होता रहा था। धन्यवाद से, मैं शोषण की शक्ति नहीं जानती हूँ, पर मैं परमेश्वर के प्रेम की महान शक्ति को जानती हूँ। परमेश्वर के प्रेम के कारण, मेरा अतीत अब मेरे भविष्य को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता है।
अगर आपका शोषण हुआ है तो, आज समझे कि परमेश्वर आपसे प्रेम करता है। कुछ भी आपको उसके प्रेम से अलग नहीं कर सकता है। उसने आपके अतीत से आपके आजाद होने के लिए मार्ग बनाया है ताकि आप आपके लिए परमेश्वर की अच्छी योजना में जीवन व्यतीत कर सकें।
यीशु के साथ, यहां पर जीवन के नयेपन की आशा है। क्या आप आज उसके प्रेम को प्राप्त करेंगे?
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं मेरे अतीत में मेरी किसी भी बात को मेरे जीवन के लिए आपकी योजनाओं और उद्देश्य को रोकने की अनुमति नहीं देती हूँ। आज मुझे अपने प्रेम के साथ भर दें ताकि मैं आपकी चंगाई और शोषण से आजादी का अनुभव कर सकूँ।