
मैं तेरे आत्मा से भागकर किधर जाऊँ? या तेरे सामने से किधर भागूँ? यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है! यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जो बसूँ, तो वहाँ भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। -भजन संहिता139:7-10
कभी कभी हम परमेश्वर की उपस्थिती में प्रवेश करने का कठिन प्रयास करते हैं। परन्तु सच यह है कि उससे दूर जाना असंभव है। वह लगातार हमारे पीछे है। आप कभी महसूस करते हैं कि प्रभु निकट नहीं है, परन्तु इसलिए वचन जानना बहुत महत्वपूर्ण है। यशायाह भविष्यवक्ता प्रभु के पास एक शिकायत लेकर आया और कहा कि उसके लोग कह रहे हैं कि “प्रभु ने मुझे छोड़ दिया है, प्रभु मुझे भूल गया है। (और प्रभु ने उत्तर दिया) क्या यह हो सकता है कि एक माँ अपने दूध पीते बच्चे को भूल सकती है कि वह अपने गर्भ की संतान के प्रति दया न रखे? हाँ, वह भूल सकती है परन्तु फिर भी मैं नहीं भूल सकता हूँ। देख, मैंने तेरा चित्र अपनी हथेली पर खोदकर बनाया है।” (यशायाह 49:14-16)
माता पिताओं ने इस विचार को उत्पन्न नहीं किया कि अपने बच्चों के चित्र अपनी हथेलियों पर रखे-परमेश्वर अपनी संतानों के चित्र जहाँ कही वह जाता है लेकर जाता है। अगली बार जब आप अपने मूल्य के विषय में प्रश्न करें तब स्मरण करे कि परमेश्वर ने आप के चित्र को अपनी हथेली पर गोदना करके बनाया है।