संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमेश्वर का नाम तुझे ऊंचे स्थान पर नियुक्त [और तेरा बचाव] करे! (भजन संहिता 20:1)
अगर आप एक संबंध में रहे है, अपने धन का प्रबन्ध करने का प्रयास किया, एक नौकरी की, आपके जीवन के लिए परमेश्वर के उद्देश्य को खोजने और पूरा करने का प्रयास किया, या आत्मिक तौर पर वृद्धि करने का – तब संभावी तौर पर आपने कुछ समस्याओं का सामना किया होगा। समस्याएं जीवन का एक भाग है और जब आप एक समस्या से छुटकारा पाते है तो, संभावी तौर पर एक और उसके पीछे ही होती है! यह हम सब के लिए सत्य है और यद्यपि कि हम सामना करते, सहन करते, दृढ़ रहने और जय में रहने की हमारी योग्यताओं को विकसित कर सकते और इन में परिपक्व हो सकते, हम हमेशा एक के बाद एक समस्या के साथ लड़ रहे होंगे।
केवल परमेश्वर के पास जीवन की समस्याओं का हल है, और सबसे उत्तम बात जो हम कर सकते वो हमारी समस्याओं को उसे दे देना है। हमें उन्हें हमारे मनों में दोहराना छोड़ना है, उनके बारे में बात करना छोड़ना है, उनके बारे में झुँझलाना छोड़ना है, और साधारण तौर पर जीवन की समस्याओं और इसके दबाव को परमेश्वर को देना और उसे इस सब पर कार्य करने देना है। अगर हम परमेश्वर को हमारे दबाव और स्थितियों को अर्पण करना सीखेंगे, तो हम हमारे जीवनों का ज्यादा आनन्द लेंगे, साथ रहते हुए अधिक आनंदी होंगे, और हम ज्यादा प्रसन्न और ज्यादा विश्राम में होंगे।
जितना हम जीवन भर के प्रयास और संघर्ष में करते उससे कहीं ज्यादा परमेश्वर एक पल में कर सकता है। वह तत्काल आपसे बात कर सकता और पूरी तरह से एक स्थिति को बदल सकता है; उससे एक शब्द ही हमारा सबकुछ हल कर सकता है। कुछ भी परमेश्वर के लिए बहुत बड़ा नहीं है, और कुछ भी उसके लिए इतना छोटा नहीं कि वह उसकी परवाह ना करे। सबकुछ जो आपको चिंतित करता वह उसकी परवाह करता है, इसलिए अपनी समस्याएं उसे दे और जो हल आपको चाहिए वो आपको देने की अनुमति उसे दें।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर को अपनी समस्याएं दें और उसे आपको उनके हल देने की अनुमति दें।