पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उस को घमण्ड करने का अवसर होगा। -गलातियों 6:4
हमें किसी अन्य के साथ स्वयं की तुलना करने से बचना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर नहीं चाहता कि हम जो आशीषें वह हमें देना चाहता उसके लिए हम निराश और अयोग्य महसूस करें।
हमारे जीवनों की दूसरों के जीवनों के साथ तुलना करना अनुचित है-उनके लिए भी और हमारे लिए भी। यह उनके लिए अनुचित है क्योंकि अगर हम जो उनके पास है, जो वह जानते, वह कैसे दिखाई देते, आदि के साथ ईर्ष्या करें, हम उन्हें नाराज करना आरम्भ कर सकते है। फिर अद्भुत लोग जो परमेश्वर ने उन्हें बनाया हम उसकी बिल्कुल भी प्रशंसा नहीं कर सकते।
यह हमारे लिए अनुचित है क्योंकि यह हमारे लिए परमेश्वर की योजना को सीमित करता है। तुलना परमेश्वर से कहती, “मैं इसके लिए मेरे जीवन में आपके कार्य को सीमित करना चाहता हूँ। मैं उस दूसरे व्यक्ति के समान होना चाहता हूँ।”
पर परमेश्वर के पास प्रत्येक के लिए एक व्यक्तिगत योजना है। उसकी योजना जितना आप संभावी कभी कल्पना कर सकते उससे कहीं ज्यादा बड़ी है। दूसरों के लिए उसकी योजनाओं को देखना बंद करें ताकि आप उन योजनाओं में चल सके और उन आशीषों को प्राप्त कर सके जो वह लाती है।
आरंभक प्रार्थना
पवित्र आत्मा, ईमानदारी के साथ मेरे दिल को जाँचने में मेरी सहायता करें और कोई भी ईर्ष्या, नाराजगी या निराशा जो मुझ में है जो कि अन्यों के साथ मेरी तुलना करने से आई उसे मुझ पर जाहिर करें। मैं वह सब बनना चाहती हूँ जो आप चाहते है कि मैं बनूँ और जो जीवन आपके पास मेरे लिए है उसे व्यतीत करना चाहती हूँ।