परमेश्वर को आपके पिता के रूप में जानें

परमेश्वर को आपके पिता के रूप में जानें

उसने उनसे कहा, जब तुम प्रार्थना करो तो कहो: हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए। लूका 11:2

कई सालों तक मैंने “प्रभु की प्रार्थना” की थी, और मैं वास्तव में परमेश्वर को अपने पिता के रूप में नहीं जानती थी। परमेश्वर के साथ मेरा किसी भी प्रकार का घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंध नहीं था। मैंने जो कुछ सीखा था, मैं उसी को दोहरा रही थी।

यदि आप प्रभु के करीब आना चाहते हैं और आपके प्रार्थना जीवन में प्रभावी होना चाहते हैं, तो परमेश्वर को आपके पिता के रूप में जानना महत्वपूर्ण है। जब चेलों ने यीशु से उन्हें प्रार्थना करना सिखाने के लिए कहा, तब उसने उन्हें वह सिखाया जिसे हम “प्रभु की प्रार्थना” कहते हैं, जो प्रार्थना के सिद्धांतों का एक आध्यात्मिक खजाना है। लेकिन सबसे पहले, यीशु ने उन्हें यह कहने का निर्देश देकर शुरू किया, “हे पिता, तेरा नाम पवित्र माना जाए, तेरा राज्य आए।”

यीशु उन्हें वह विशेषाधिकार प्राप्त संबंध दिखा रहा था जो वह प्रत्येक विश्वासी को देने के लिए आया था। उसने उनसे कहा कि यदि वे प्रार्थना द्वारा परमेश्वर के पास जाने की इच्छा रखते हैं तो वे उनके पिता के रूप में परमेश्वर के साथ रिश्ता बना सकते हैं। परमेश्वर के पास इस तरह न जाएं की वो कोई ऐसा व्यक्ति है जिससे आप डरते हैं, बल्कि उसके साथ एक पिता-पुत्र का रिश्ता विकसित करें। वह करीबी रिश्ता आपको उससे उन चीजों को मांगने की स्वतंत्रता देगा जिन्हें आपने उससे नहीं मांगी होती यदि आपका उसके साथ दूर का, खराब रिश्ता होता।

हमारा स्वर्गीय पिता हमसे प्रेम करता है और उसकी आंखें सदैव हमें देखती रहती है। परमेश्वर के साथ आनंद करना सीख लें!


जब आप प्रार्थना करते हैं, तब याद रखें कि आपके पास एक प्रेममय पिता है जो सुन रहा है।

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