“देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिए फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी समर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिए अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।” -2 इतिहास16:9
परमेश्वर आपको देख रहा है और जो कुछ आप करते हैं वह उसे देखता है। भजनकार ने अपने विषय में कहा है, “तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।” (भजन संहिता 139:2)
परमेश्वर उत्सुकतापूर्वक उसमें आपके विश्वास के लिए आपको प्रतिफल देने के अवसरों को खोज रहा है। यीशु ने कहा, “देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; और एक के काम के अनुसार बदला देने के लिए प्रतिफल मेरे पास है (प्रकाशितवाक्य 22:12)।” इसका तात्पर्य है कि लोग अपने कार्यों के लिए मज़दूरी प्राप्त करेंगे जो उन्होंने इस पृथ्वी पर रहते हुए किए हैं। अब यह इस प्रकार से उत्साहित करनेवाली बात हो सकती है और दूसरी रीति से भयभित करनेवाली बात हो सकती है।
हमें यह समझने की ज़रूरत है कि परमेश्वर हमें देख रहा है और कोई भी व्यक्ति सचमुच में कुछ भी छुपा नहीं पा रहा है। परमेश्वर न तो सोता है और न झपकी लेता है (भजन संहिता 121:4 देखिए)। वह बंद दरवाजे़ के पीछे जो कुछ हो रहा है वह जानता है। इसलिए हमें ऐसे जीने की ज़रूरत है मानो हम सचमुच में विश्वास कर रहे हैं कि परमेश्वर हमारी हर एक गतिविधि को देख रहा है। जब हम बैठते हैं, बातचीत करते हैं हमें स्मरण करने की ज़रूरत है कि परमेश्वर, अदृश्य अतिथि, प्रत्येक बात पर ध्यान दे रहा है जो हमें कहना है।
भला करने में निरूत्साही न हों क्योंकि जो कुछ आप दूसरों के लिए उसकी ओर से कर रहे हैं उसे परमेश्वर देख रहा है। एक भी अच्छा कार्य जो आप सही उद्देश्य के साथ करते हैं बिना ध्यान दिए नहीं जाता है। परमेश्वर प्रत्येक व्यक्ति को देखता है जिसकी आप सहायता करते हैं और प्रत्येक व्यक्ति जिस पर आप दयालु होते हैं; प्रत्येक बार वह जानता है जब आप किसी पर थोड़ी सी दया करते हैं, प्रत्येक बार जब आप थोड़ी सी क्षमा दिखाते हैं और वह इसके लिए आपको प्रतिफल देगा।