परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिए मरा। – रोमियों 5:8
इफिसियों 3 में पौलुस ने प्रार्थना किया कि लोग अपने लिए परमेश्वर के प्रेम का अनुभव करें। बाइबल कहती है कि परमेश्वर हमसे प्रेम करता है। परन्तु परमेश्वर के कितने ही संतानों को अब भी परमेश्वर के प्रेम के विषय में प्रकाशन की कमी है। मैं स्मरण करती हूँ जब मैंने जॉयस मेयर मिनिस्ट्रीस को प्रारंभ किया। प्रथम सप्ताह मुझे एक सभा का आयोजन करना था। मैंने परमेश्वर से पूछा कि वह क्या चाहता है कि मैं बोलूँ और उसने उत्तर दिया। “मेरे लोगों से कहो कि मैं उनसे प्रेम करता हूँ।”
“यह वे जानते हैं” मैंने कहा। मैं उन्हें कुछ सामर्थी बात सिखाना चाहती हूँ न कि यूहन्ना 3:16 से बच्चों के स्तर की कोई बात। प्रभु ने मुझसे कहा। “मेरे लोगों में बहुत थोड़े ही जानते हैं कि मैं उनसे कितना प्रेम करता हूँ। यदि वे जानते होते तो वे भिन्न प्रकार से व्यवहार करते।” जब मैंने परमेश्वर के प्रेम को प्राप्त करने के विषय का अध्ययन करना प्रारंभ किया तब मैंने जाना कि मुझे इसकी अत्यधिक ज़रूरत थी। प्रभु मुझे अपने अध्ययन में 1 यूहन्ना 4:16 पर ले गया जो कहता है कि हमें परमेश्वर के प्रेम के लिए सतर्क होना चाहिए। इसका अर्थ यह कि यह कुछ ऐसा होना चाहिए जिसके प्रति हम सक्रिय रूप से जागरूक हों।
मुझमें एक अबोध और अस्पष्ट भाव तो था कि परमेश्वर मुझसे प्रेम करता था परन्तु परमेश्वर का प्रेम हमारे जीवन में सामर्थी होने के लिए है, कुछ ऐसा जो हमें कठीन परीक्षा में विजय की ओर ले चले।