यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? – भजन संहिता 27:1
अगर आप भय के द्वारा आपके विचारों पर जय पाने की अनुमति देते है तो आपको परमेश्वर द्वारा दी गई मंजिल तक पहुँचना असंभव है। भय डर का एक करीबी रिश्तेदार है, और आपके मन में इसे बने रहने की अनुमति देना आपके मन को लाचार बनाता और आपके आनन्द को लूटता है।
जब हम भारत में एक कॉन्फरेंस करने के लिए हमारी यात्रा की योजना बना रहे थे तो मैंने भय की एक भावना का अनुभव किया। मैं वहां के अद्भुत अवसरों के बारे में उत्साहित थी, पर मैं केवल लम्बी दूरी की उड़ान और बुरी परिस्थितियों पर केन्द्रित थी जो कि उस देश में थी। पर प्रभु ने मेरे दिल से बात की और मुझे दिखाया कि मुझे उसके वचन को दिल में बसाने और उस पर ध्यान केन्द्रित करने के द्वारा भय पर जय पाने की आवश्यकता थी। अगर मैंने स्वयं को यात्रा के नकारात्क पहलूयों पर ही विचार करने की अनुमति दी होती, तो इसने उस आनन्द और उत्साह को लूट लेना था जो परमेश्वर चाहता था कि मैं अनुभव करूँ।
भय एक फँदा है, और आपको इसमें ना गिरने के लिए दृढ़ होना चाहिए। जब ऐसी बातें आती जो आपके दिल में भय या डर को लाने का प्रयास करती है, जैसा कि भविष्य के बारे में अनिश्चितता या नई स्थितियों या चुनौतियों का सामना करना, तो भजन संहिता 27:1 को, ऊँचा बोलते और अंगीकार करते हुए पढ़े “यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ?”
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं आज घोषणा करती हूँ कि आप मेरी ज्योति और उद्धार है। आपके कारण मुझे जीवन में किसी भी बात से डरने की आवश्यकता नहीं है। मेरे पास आप में जय है।