
जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ (मैं किसी भी चीज के लिए तैयार हूं और उसके माध्यम से किसी भी चीज के बराबर हूं जो मेरे अंदर की ताकत को बढ़ाता है: मैं मसीह की पर्याप्तता में स्वत: पर्याप्त हूं)। -फिलिप्पियों 4:13
फिलिप्पियों 4:13 एक बहुत ही शक्तिशाली आयत है जो कि अक्सर प्रसंग के बाहर हवाला दी जाती है। यह कहती है, मसीह जो मुझे बल देता उस में मैं सब कुछ कर सकता हूँ। इसका अर्थ यह नहीं कि आप कुछ भी करने का सिर्फ इसलिए फैसला करना चाहते है क्योंकि आप इसे करना चाहते है। पौलुस विशेषकर बता रहा था कि कैसे वह चाहे परिस्थितियों कैसी भी हो, वह मसीह की सामर्थ्य के द्वारा कैसे संतुष्ट रहने के योग्य हुआ था।
मैं विश्वास करती हूँ कि, परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा, हम जीवन में जो भी करने की आवश्यकता वह कर सकते है। मैं सोचती हूँ कि हमारे पास एक वैसी मनोवृति होनी चाहिए। अगर आप परमेश्वर पर भरोसा कर रहे है तो यहां पर कुछ भी बहुत ज्यादा नहीं है। कुछ भी जो आपके मार्ग में आता आप उसे संभाल सकते है क्योंकि परमेश्वर वायदा करता है कि जितना हम सह और हल कर सकते उससे ज्यादा बोझ वह कभी भी हमें न देगा।
इसलिए चाहे अभी आप जहां भी हो एक सकारात्मक व्यवहार रखें, चाहे आप के जीवन में कुछ भी चल रहा हो। प्रसन्न हो-परमेश्वर आपके साथ है। जिन बातों के बारे में आप कुछ नहीं कर सकते उनके बारे में परेशान होना बंद करें।
परमेश्वर चाहता है कि आप जाने कि उसके पास आपके जीवन के लिए एक व्यक्तिगत योजना है, और वह चाहता है कि आप आपके लिए उसकी अनूठी योजना को स्वीकार करें और किसी अन्य के साथ आपकी योजना की तुलना ना करो आपको जो चाहिए और जो आप करते से ज्यादा जो आप संभाल सकते के बारे परमेश्वर पर भरोसा करना कि वह ज्यादा जानता है। कुछ भी हो, वह जितना आप स्वयं को जानते से कहीं उत्तम आपको जानता है!
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, पौलुस के समान ही, मैं चाहती हूँ कि मेरी संतुष्टि आप से आए, ना कि मेरी परिस्थितियों से। मुझे प्रतिदिन दिखाएं कि आपकी योजना मेरे लिए सिद्ध है और मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है।