मूल्य गिनना

मूल्य गिनना

क्योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे,  वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरे। -रोमियों 5:19

आज्ञापालन करने का और नहीं करने का चुनाव न केवल हमें प्रभावित करता है परन्तु अन्य असंख्य लोगों को भी प्रभावित करता है। इस्राएलियों के विषय में और उनका जीवन कितना महान होता यह सोचें यदि वे उचित रीति से परमेश्वर की आज्ञा का पालन किए होते। उनमें से बहुत से लोग और उनके बच्चे जंगल में ही मर गए क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के मार्गों के प्रति समर्पित नहीं किए। उनके बच्चे उनके निर्णयों के द्वारा से प्रभावित हुए और उसी प्रकार हमारे भी प्रभावित होंगे। हाल ही में मेरे बड़े बेटे ने मुझ से कहा, “माँ, मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। संभव है मैं रो पड़ूँ, परन्तु मेरी बात सुनिए।” तब उसने कहना जारी रखा। “मैं आपके और पिताजी के और उन वर्षों के बारे में सोच रहा था जो आप ने सेवकाई में दिया और हर समय आप परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने का चुनाव किए और यह किस प्रकार आप लोगों के लिए आसान नहीं था। मैं समझता हूँ, माँ, कि आप और पिताजी ऐसे बातों से गुज़रे हैं जिनके विषय में और कोई नहीं जानता और मैं चाहता हूँ कि आप जानें कि इस सुबह परमेश्वर ने मुझे इस बात में सचेत किया है कि आपके आज्ञापालन के द्वारा मैं बहुत लाभ प्राप्त कर रहा हूँ और इस बात की मैं बहुत प्रशंसा करता हूँ।”

जो उसने कहा वह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था और इस बात ने मुझे रोमियों 5:19 स्मरण दिलाया। परमेश्वर की आज्ञापालन करने का आपका निर्णय अन्य लोगों को भी प्रभावित करता है और जब आप परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारिता का निर्णय लेते हैं तो यह भी दूसरों को प्रभावित करता है। आप परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो सकते हैं और जंगल में रहने का चुनाव कर सकते हैं। परन्तु कृपया मन में यह बात रखें कि यदि अभी आपके बच्चे हों या कभी होंगे तो आपके निर्णय उन्हें भी आपके साथ जंगल में रखेगा। संभव है जब वे बड़े होंगे तो अपने आपको बाहर निकालने का प्रबन्ध करें परन्तु मैं आपको निश्चय दिला सकती हूँ कि वे आपकी अनाज्ञाकारिता के लिए एक कीमत चुकाएँगे।

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