
“यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएँ, जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ, चैकसी से पूरी करने को चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा। फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे।” -व्यवस्थाविवरण 28:1-2
कृपया इस भाग में “यदि” शब्द पर ध्यान दें, अक्सर हमें बाइबल में “यदि” और “परन्तु” को अनदेखा करने का चुनाव करते हैं। उदाहरण के लिए 1 कुरिन्थियों 1:9-10 को ध्यान दें,
परमेश्वर विश्वासयोग्य है (विश्वसनीय, भरोसेमंद, और इसलिए अपनी हमेशा से अपनी प्रतिज्ञाओं में सच्चा और जिस पर भरोसा किया जा सकता है) जिससे द्वारा तुम उसके पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह की संगति और भागीदारी में बुलाया है। परन्तु हे भाइयों, मैं तुमसे हामरे प्रभु यीशु मसीह के नाम में विनती और अनुनय-विनय करता हूँ कि तुम सब एकरूपता के साथ एक ही बात कहो, और दलों का मतभेद न हो या तुम में विभाजन न हो, परन्तु एक ही मन और अपने विचारों और न्याय में एक ही मत होकर मिले रहो।
हम देखते हैं कि परमेश्वर सच्चा है और हम यह भी देखते हैं कि उसके साथ संबंध में आज्ञाकारिता के साथ आदर करने के द्वारा हम इस विश्वासयोग्यता पर बने रहते हैं। हमारी अनाज्ञाकारिता परमेश्वर को नहीं बदलती है, वह अब भी विश्वासयोग्य रहता है, परन्तु आज्ञाकारिता आशीष के द्वार को खोलती है जो परमेश्वर की भलाई के कारण पहले से हमारे लिए बहने को तैयार है।