तौभी मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरा जाना तुम्हारे लिये अच्छा है, क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह सहायक तुम्हारे पास न आएगा… परन्तु यदि मैं जाऊंगा, तो उसे तुम्हारे पास भेज दूंगा। (यूहन्ना 16:7)
पवित्र आत्मा की उपस्थिति हमारे जीवनों में जितना हम कल्पना कर सकते उससे कहीं ज्यादा अद्भुत है। वह हमारा तसल्ली देने वाला है और इसका अर्थ है कि जीवन में हमारी यात्रा के दौरान जब कभी भी हमें चोट पहुँचती तो वह हमें तसल्ली देगा। मैं पवित्र आत्मा के बारे में ऐसा सोचती हूँ कि वह मेरे उतना ही निकट है जितना की मेरी साँस मेरे निकट है।
पवित्र आत्मा हमारे जीवनों के लिए परमेश्वर की योजना में हमारी अगुवाई और हमारा मार्गदर्शन करता है। उसके नेतृत्व का अनुसरण करना सीखना निश्चय ही एक यात्रा है। हम हमारे विचारों, भावनाओं, और इच्छाओं के द्वारा जीवन व्यतीत करने के आदि होते है, पर मसीही होते हुए हमें पवित्र आत्मा के द्वारा अगुवाई किए जाना सीखना है। यीशु एक मनुष्य के शरीर में हमारे पास आया था और जीवन में सब जिस में से होकर हम जाते उसे समझता है। मुझे यह याद करना बहुत तसल्ली देता है कि यीशु मुझे समझता है! वह धैर्यवान है और वह जब तक हम निरंतर सीखने के इच्छुक है तब तक हमारे साथ लगातार कार्य करता रहेगा।
क्यों यीशु कहता है कि यह उत्तम होगा अगर वह चला जाता और पवित्र आत्मा को भेजता है? यीशु के पृथ्वी पर व्यक्तिगत होने से बढ़कर उत्तम और क्या हो सकता था? यीशु एक समय केवल एक स्थान पर हो सकता है, पर पवित्र आत्मा, प्रत्येक में हर समय काम करता हर जगह हो सकता है। यह अद्भुत है! वह कभी भी हमें छोड़ता नहीं है, एक पल के लिए भी नहीं। वह हमारे बारे में सब कुछ जानता है और सब जो हमारे अन्दर टूटा हुआ या जख्मी है उसको चंगा करने पर, और सब कुछ को इसके उचित स्थान पर रखने के लिए कार्य कर रहा है। हर दिन हम पवित्र आत्मा की अद्भुत शक्ति और बुद्धि के द्वारा हर ढंग में हम उत्तम से और उत्तम बन जाते है।
आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः पवित्र आत्मा से कहें कि आप जैसे भी है वैसे ही आपको लेकर जैसा वो चाहता है कि आप हो वैसा आपको बनाएं।