यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहे तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिए हो जाएगा। – यूहन्ना 15:7
बहुत से मसीही बाइबल पढ़ने की महत्तता को जानते है, पर बहुत से वचन में बने रहने और वचन को उनमें बने रहने की अनुमति देने की महत्तता को नहीं समझते।
जब हम वचन का अध्ययन करने और इसे हमारे दिलों में रखने के लिए मेहनती होते है, तो जब भी हमें इसकी आवश्यक्ता होती हमारी निरंतर इन आयतों तक पहुँच होती है। और यीशु ने वायदा किया था कि हमें कुछ भी जो चाहिए वह हम प्रार्थना में माँग सकते और इसे प्राप्त कर सकते है।
वचन में बने रहना और वचन को हम में बने रहने देना ही हमें यीशु के सच्चे शिष्य बनाता है (देखें यूहन्ना 8:31)। यह हमारे प्रार्थना जीवनों में हमें ज्यादा शक्ति को देता है, और प्रार्थना में शक्ति होना हमें दुश्मन पर जय देता है।
क्या आप परमेश्वर के वचन में बने रहे…और इसे आप में बने रहने की अनुमति दे रहे है? अगर उत्तर नहीं है, मैं आपको कार्य करने के लिए उत्साहित करती हूँ। वचन को पढ़ना और अध्ययन करना एक प्राथमिकता बनाएं। वचन को याद करना और उन्हें अपने दिलों में रखना आरम्भ करें। तब, जब आप जीवन की लड़ाईयों को सामना करते है, आप पूरी तरह युद्ध को जीतने के लिए सशस्त्र और तैयार होंगे।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं आपका एक सच्चा शिष्य बनना और उस शक्ति में चलना चाहती हूँ जो आपके वचन में बने रहने से आती है। जब मैं मेहनत के साथ अध्ययन करती और आपके सत्य को मेरे हृदय में रखती तो आप मेरी अगुवाई करें।