परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूंगा, परमेश्वर पर मैं ने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूंगा। कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? – भजन संहिता 56:4
क्या आप खेल खेलते, मुखौटा पहनते या जो आप नहीं के अलावा कोई और बनने का प्रयास करते हुए थक चुके है? क्या आप कोई जो आपको नहीं पता कि कैसे होना है वो बनने के दबाब के बिना, जो आप है वैसे ही स्वीकार करने की आजादी को पसंद नहीं करते है? क्या आप सीखना चाहते है कि कैसे आपके अनोखेपन को स्वीकार करना और कोई अन्य बनने के दबाब का सामना करना है?
अगर आपने असुरक्षा की भावना पर जय पानी और वो व्यक्ति बनना जो परमेश्वर ने आपको होने के लिए बनाया है, तो आपके पास भिन्न होने का साहस होना चाहिए। अप्रसन्नता और निराशा तब होती है जब हम हमारे अनोखेपन को रद्द करते और एक दूसरे के समान होने का प्रयास करते है।
परमेश्वर चाहता है कि आप अन्य व्यक्तियों की उम्मीदों के अनुसार जो जीवन चाहिए वो करने का प्रयास करने की बजाए जो उसने आपको बनाया उसे पसंद और स्वीकार करें। आपको स्वयं को पूछना है, क्या मैं लोगों को प्रसन्न करने वाला हूँ या एक ऐसा जो परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला है? जीवन में वास्तविक शांति और आनन्द तब आता है जब हम मनुष्य को नहीं पर परमेश्वर को प्रसन्न करने पर केन्द्रित होते है।
परमेश्वर जानता था कि वो क्या कर रहा है जब उसने आपको बनाया था। आप परमेश्वर के द्वारा आश्चर्यजनक और अद्भुत ढंग से बनाए गए एक अनूठे व्यक्ति है! मसीह यीशु में स्वयं को एक नई सृष्टि करके स्वीकार करें और उसमें जो आप है उसको खोजने के द्वारा सुरक्षा और आत्मविश्वास को प्राप्त करें।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मैं मनुष्यों से नहीं डरूँगी। मैं आपके साथ मेरे संबंध में मेरी सुरक्षा और आत्मविश्वास को पाना चाहती हूँ। आज, जो अनूठा व्यक्ति आपने मुझे बनाया है मैं वो होने का साहस करती हूँ। मैं आपको प्रसन्न करना चाहती हूँ।