
मैं तुम्हें शांति दिए जाता हूँ, अपनी शांति तुम्हें देता हूँ; -यूहन्ना 14:27
जब यीशु इस पृथ्वी से गए, उसने कहा कि वह अपनी शांति हमारे लिए छोड़कर जा रहा है। अब हमने जो निर्णय करना वो यह है कि, क्या हम उस शांति में रहना चुनते है जो उसने हमें दी है?
निश्चय, शैतान अपको परेशान करने के लिए जरूरत से ज्यादा समय तक काम करता है। क्यों? क्योंकि वह जानता है कि अगर आप शांतिमय नहीं रहेंगे, तो आप परमेश्वर से सुन नहीं सकते।
अगर आप अपने जीवन को देखेंगे, आप हैरान होंगे कि सप्ताह में कितनी बार शैतान आपकी शांति चुराने के एकलौते मकसद के लिए आप पर हमले करता है। जब मैंने अंत यह देखा, परमेश्वर ने मुझे मेरी आत्मा में कहा, जॉयस, अगर शैतान तेरी शांति चुराने के लिए इतना प्रयास करता है, तब शांतिमय रहना तो कुछ काफी शक्तिशाली होगा।
यह सत्य है! इस लिए अब जब शैतान आपकी शांति चुराने का प्रयास करता, मैं इसे पकड़े रखने में आनन्दित होती हूँ, यह जानते कि मैं उससे तेज हो रही हूँ। इसका यह अर्थ नहीं कि मैं परेशान नहीं होती, पर मैं इसके बारे कुछ सकारात्मक कर सकती हूँ, मैं स्वयं को नियंत्रित कर सकती और शांतिमय होना ठान सकती हूँ।
शांतिमय होने को ठानना कुछ वह है जो हमने स्वयं के लिए करना है। क्या आप परमेश्वर की शांति को चुनेंगे?
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मुझे आपकी शांति प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद। जब शैतान मेरी शांति चोरी करने का प्रयास करता, तो उसकी योजनाओं को मुझ पर प्रकट करें। मैं उसे मेरी शांति छीनने नहीं दूँगी। इसकी बजाए, मैं आप में जड़ पकड़े रहूँगी।