
यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिए बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिससे वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। – उत्पत्ति 50:20
फिरौन के अधीन मिस्त्र में दुसरे स्थान तक यूसुफ के उठा दिए जाने के पश्चात् या पदोन्नत किए जाने के पश्चात् उसके भाई जिन्होंने उसे गुलामी में भेज दिया था या दास होने के लिए भेज दिया था। अकाल के दौरान अनाज खरीदने के लिए आए जिसकी आने की भविष्यद्वाणी यूसुफ ने की थी। बाद में यूसुफ अपने पिता, अपने भाइयों और अपने सभी कुटुम्बियों को अकाल के शेष दिनों में समृद्धि और शांति में रहने के लिए मिश्र में ले आया। जब उनके पिता याकूब की मृत्यु हुई यूसुफ के भाई भयभित हो गए कि यूसुफ उनके उस कार्य के लिए बदला लेने का प्रयास करेगा जो उन्होंने उसकी जवानी में किया था। यहाँ पर इस पद में हम उसके प्रति उनकी गलत कार्र्यों की क्षमा की निश्चयता को देखते हैं। वास्तव में हम उसके अच्छे स्वभाव को प्रगट होते हुए देखते हैं। ध्यान दें कि वह उनसे क्या कहता है, ‘‘तुम ने इसे बुराई के लिए किया परन्तु परमेश्वर ने इसे भलाई के लिए दिया, बहुत से लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए।”
यह अद्भुत है कि कितनी ही बार शैतान हमें फँसाने के लिए फन्दे करता है, यह हमारे नुकसान और विनाश के लिए करता है। परन्तु जब परमेश्वर शामिल होता है, वह उन बातों को लेता है जो हमें नाश करने के लिए उपयोग करता है और उसे बदल देता है ताकि वह इसके बदले में हमारी भलाई के लिए कार्य करें।
मेरी स्वयं की परिस्थिती में यह बात सही थी। मैं यौनपूर्वक मानसिक रूप से और भावनात्मक रूप से अपने बचपन में बहुत बर्षों तक परमेश्वर सही। निश्चित ही एक बच्चे के साथ यह एक भयावह घटना थी और निश्चित रूप से शैतान का एक कार्य, परन्तु परमेश्वर ने इसे एक भलाई में बदल दिया।
मेरी दुर्दशा मेरा संदेश बन गई है। मेरे कष्ट मेरी सेवकाई बन गए हैं। और मैं अनुभव का उपयोग जो मैंने अपने दर्द से पाया उन लाखों लोगों की सहायता के लिए कर रही हूँ जो पीड़ित हैं। मैं आपको उत्साहित कर रही हूँ कि अपने दर्द को बेकार जाने न दें। यदि आप उसे देते हैं तो परमेश्वर उनका उपयोग करेगा।