आगे की ओर ध्यान दो

आगे की ओर ध्यान दो

यह मतलब नहीं कि मैं पा चुका हूँ, या सिद्ध हो चुका हूँ; पर उस पदार्थ को  पाने के लिए दौड़ा चला जाता हूँ, जिसके लिए (मसीह) यीशु ने मुझे पकड़ा  था। हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूँ; परन्तु केवल यह  एक काम करता हूँ कि जो बातें पीछें रह गई हैं उनको भूल कर, आगे की  बातों की ओर बढ़ता हुआ, निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूँ, ताकि वह  (सर्वश्रेष्ठ और ईश्वरीय) इनाम पाऊँ जिसके लिए परमेश्वर  ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। -फिलिप्पियों 3:12-14

यदि आप उन बातों के कारण बहुत अधिक पीड़ा में रहे हैं जो आपके जीवन में बीते समय में हुई हैं मैं आपको वह करने को उत्साहित करती हूँ जो मैंने किया है और अपने ध्यान को एक नई दिशा में लगाए। वह दृढ़ निर्णय लें कि जो परमेश्वर चाहता है कि आप हों, वह पाने के लिए कि जो परमेश्वर चाहता है कि आपके पास हो, और वह पाने के लिए जिसे देने के लिए यीशु मरा।

जब आप हतोत्साहित महसूस करते हैं तब कहें, “मैं और अधिक गुलामी में जीने नहीं जा रही हूँ। जो बीते समय में मैंने किया है उसके विषय में मैं कुछ नहीं कर सकती हूँ, परन्तु मैं अपने भविष्य के विषय में कुछ कर सकती हूँ। मैं अपने जीवन का आनंद उठाने जा रही हूँ और मेरे पास वह है जिसे देने के लिए यीशु मरा। मैं बीते समय को पीछे छोड़ कर आज से परमेश्वर के पीछे चलने जा रही हूँ।”

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