कभी भी हिम्मत मत हारें

हम भले काम करने में हियाव न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे। (गलातियों 6:9)

एक कारण कि लोग परमेश्वर की आवाज नहीं सुन पाते यह है कि वह साधारणता ही बहुत जल्दी हिम्मत हार जाते है। पौलुस और सीलास बन्दीगृह में आधी रात को भी परमेश्वर की आराधना और प्रशंसा करते पाए गए थे (देखें प्रेरितों के काम 16:25, 26) बहुत से लोगों ने हिम्मत हार देनी और बहुत जल्दी ही सो जाना था। हमारा आर्दश-वाक्य होना चाहिएः “कभी भी हिम्मत ना हारे।”

मैं आपको परमेश्वर से बात करने और आपके साथ उसकी बात करने के इंतजार में उत्साहित करती हूं, चाहे जो भी हो हिम्मत मत हारें। प्रतिदिन परमेश्वर के साथ समय खर्च करें। एक व्यक्ति जो हिम्मत छोड़ने से इन्कार करता है वो ऐसा व्यक्ति है जिसे शैतान हरा नहीं सकता। वह चाहता है कि आप अभी इसी समय हिम्मत छोड़ दें और कुछ इस तरह से कहें:

• “मेरे पास कभी कुछ नहीं होगा।”
• “मैं कभी स्वीकार नहीं किया जायेगा।”
• “मुझे कभी भी एक उत्तम नौकरी नहीं मिलेगी।”
• “मैं कभी भी एक अच्छे स्थान पर नहीं रहूंगी।”
• “मेरी कभी भी शादी नहीं होगी।”
• “मैं कभी भी कर्ज से बाहर नहीं आऊंगी।”
• “मेरा कभी भी भार कम नहीं होगा।”

इस तरह का रवैया यह गारंटी दे सकता है कि हमें कभी भी कुछ प्राप्त नहीं होगा। पर हम ऐसे रवैये को चुने सकते है जो कहता है, “परमेश्वर अपने वचन के लिए सच्चा है और मैं कभी भी हिम्मत नहीं छोडूंगी।” सबसे बड़े कारणों में से एक कि लोग उनकी प्रार्थनाओं के परिणाम कभी देख नहीं पाते क्योंकि वह हिम्मत छोड़ देते है। हम सही समय पर फसल काटेंगे, पर वह समय कौन सा है? यह तब होता जब परमेश्वर जानता है कि हम जो माँग रहे है उसको प्राप्त करने के लिए हम तैयार है। उस समय तक हमारा एक काम वफादार बने रहना है। प्रार्थना करते रहे और आज्ञा पालन करते रहे।


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः परमेश्वर हमें दूसरे अवसर की पेशकश करता है, इसलिए अगर आपको एक नए आरम्भ की आवश्यकता है, तो आज वह दिन है!

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