परमेश्वर की इच्छा में प्रसन्न रहें

“हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूं; और तेरी व्यवस्था मेरे अन्तः करण में बसी है।” (भजन संहिता 40:8)

अगर हम परमेश्वर की आवाज सुनना और उसका आज्ञा पालन करना चाहते है, तो मैं विश्वास करती हूं कि हर सुबह हमारी प्रार्थना कुछ इस तरह होनी चाहिएः
“परमेश्वर,

मैं आपकी सिद्ध इच्छा में मेरा सारा जीवन चलना चाहती हूं। मैं आपकी रिआयती इच्छा नहीं चाहती हूं; मैं कुछ भी आपकी मंजूरी और आशीष के बिना नहीं करना चाहती हूं। अगर मैं कुछ ऐसा करने का प्रयास करूँ जो मेरे लिए उत्तम नहीं है, तो कृपया मुझे आपकी योजना के मार्ग पर बने रहने के लिए मेरे दिल में हिचकिचाहट, मेरे आत्मा में एक जाँच को महसूस करने दें।

आपके अधीन होने में मेरी सहायता करें।
जिद्दी ना होने में मेरी सहायता करें।
हठी ना होने में मेरी सहायता करें।
मन को कठोर ना होने में मेरी सहायता करें।

परमेश्वर, मैं चाहती हूं कि आपकी इच्छा पूरी तरह से मेरे जीवन में कार्य करे। मैंने मेरी अपनी इच्छा के फल से यह जानने का काफी अनुभव कर लिया है कि अगर मैं अपने मार्ग पर चलूँ, और यह वो नहीं जो आप चाहते है, तो यह बुरी तरह से बदल जाएगा। मैं आपकी आज्ञा पालन करने की इच्छुक हूं, पर जो आप मुझे करने के लिए कह रहे है वो साफ-साफ सुनने में मेरी सहायता करें। आमीन!”


आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः हर दिन कई बार, परमेश्वर के आगे फुसफसाएं, “तेरी इच्छा पूरी हो।”

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