यीशु के लहू द्वारा मोल लिए गए

यीशु के लहू द्वारा मोल लिए गए

हम को उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा (उद्धार), अर्थात् अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। —इफिसियों 1:7

अपने आप से ऊंचे स्वर में कहें, “मैं दाम देकर मोल ली गयी और पाप से शुद्ध की गयी; मूल्यवांता के द्वारा मोल ली गयी; भुगतान की गयी और परमेश्वर की अपनी बनाई गयी हूं।” आप पाप से और उसके साथ आने वाली “मृत्यु” से छुटकारा पाए हुए हैं। चिंता, निराशा और भय मृत्यु के ही रूप हैं। कलह, कटुता, अप्रसन्नता और क्षमा न करना मृत्यु के ही रूप हैं। यीशु का लहू ही मृत्यु का एकमात्र प्रतिकारक है।

यीशु का लहू पिता की दृष्टी में मूल्यवान है और यह हमारी दृष्टी में भी मूल्यवान होना चाहिए। एक मूल्यवान चीज ऐसी चीज होती है जिसकी हम रक्षा करते हैं, एक ऐसी चीज जिसका हम सावधानी पूर्वक ख्याल रखते हैं, और एक ऐसी चीज जिससे हम अलग नहीं होना चाहते हैं। यीशु का लहू मूल्यवान है और यह हमें हमारे स्वर्गीय पिता के करीब रहने में सहायता करता है। उसके बलिदान ने परमेश्वर और मनुष्य के बीच के परदे को हटा दिया, और अब हम आसानी से तथा हमारे पास अवसर भी है की हम परमेश्वर के निकट जा सकते हैं और घनिष्ठता में रह सकते हैं (इब्रानियों 10:18-22)।

यीशु का लहू हमें पापों से शुद्ध करता है और हमें निरन्तर शुद्ध करता रहेगा (1 यूहन्ना 1:9)। उसका लहू एक शक्तिशाली सफाई करने वाले साबुन की तरह है। जिस प्रकार हमारा लहू हमारे शरीर को सभी विषों से शुद्ध रखने का कार्य करता है, उसी प्रकार यीशु का लहू हमें पाप के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लगातार शुद्ध करते रहता है।


यीशु के लहू के सामर्थ्य में विश्वास रखें ताकि आप लगातार पाप के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से शुद्ध रहें।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon