हम परमेश्वर की संतान हैं

हम परमेश्वर की संतान हैं

“(और प्रभु ने उत्तर दिया) क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने  दूधपीते बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न  करे? हाँ, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।” -यशायाह 49:15

यशायाह 49:15 प्रगट करता है कि हमारा स्वर्गीय पिता चाहता है कि हम उसके पास उसके संतान के रूप में आए। इस पद में प्रभु ने एक दूध पीलाने वाली माता का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे वह दयापूर्वक बच्चे की परवरीश करती है और उसकी ज़रूरतों को पूरा करती है। हमारा स्वर्गीय पिता चाहता है कि हम जानें कि हम उसके लिए मूल्यवान हैं-उसकी संतान, और कि जब हम उसके पास इस रूप में आते हैं विश्वास के साथ ये दिखाते हैं जिससे वह हमारी देखरेख करता है।

परमेश्वर मनुष्यों के समान नहीं है। यदि भूतकाल में लोगों ने आपको पीड़ित किया हो तो प्रभु के साथ आपके संबंध को इसे बाधित करने मत दीजिए। आप उससे भरोसा कर सकते हैं। वह एक प्रेमी पिता के समान आपकी देखरेख करेगा। जब हमें वह प्यार और देखरेख नहीं मिलती है जिनकी हमें बचपन में ज़रूरत होती है तो इससे भय उत्पन्न होता है जो कभी भी हमारे लिए परमेश्वर की योजना में नहीं था। माता पिताओं को भौतिक क्षेत्रों में पारदर्शी रखना है कि आत्मिक लोक में परमेश्वर के साथ हमारा संबंध किस प्रकार का होगा। अक्सर जब व्यक्ति ऐसे परिवारों में बढ़ते हैं जहाँ पर अव्यवस्था होती है, यह प्रभु के साथ उनके संबंध में समस्याएँ लाता है।

मैं प्रार्थना करती हूँ कि जब आप इन वचनों को पढ़ते हैं और इसको मनन करते हैं जो मैं बता रही हूँ परमेश्वर आपको एक उत्तरदायी वयस्क रूप में आज़ाद करेगा जो आपके स्वर्गीय पिता के पास एक बच्चे के समान आएगा।

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