
अलग रहो; और अशुद्ध वस्तु को मत छुओ…। -2 कुरिन्थियों 6:17
सच्चे मित्र आपको नियन्त्रित करने का प्रयास नहीं करते हैं। ये आपको वैसा करने में सहायता करते हैं जैसा परमेश्वर चाहता है कि आप हों। परमेश्वर में अपना भरोसा रखिए और उससे आपको ऐसे मित्र देने के लिए कहिए जो सचमुच में आपके लिए सही हो। शायद आपने कभी भी अपने विश्वास का उपयोग सही मित्रों के विषय में करने के लिए नहीं सोचा है परन्तु परमेश्वर हमें जीने का एक नया तरीका देता है। वह हमें विश्वास के साथ रहने के लिए निमन्त्रित करता है। आपके जीवन में ऐसा कोई भाग नहीं है जिसके विषय में परमेश्वर चिन्तित नहीं है और आप जो भी करते हैं उन सब में वह शामिल होना चाहता है।
मैं स्वयं को सब के लिए स्वीकारयोग्य नहीं बना सकती हूँ न ही आप कर सकते हैं। परन्तु हम विश्वास कर सकते हैं कि परमेश्वर हमें लोगों की दृष्टि में अनुग्रह देगा जिनके साथ वह चाहता है कि हम शामिल हों। कभी कभी हम लोगों के साथ संबंध रखना चाहते हैं जिनके साथ परमेश्वर नहीं चाहता है कि हम सहभागिता रखें। कुछ लोग जिनके साथ मैंने मित्रता करने के लिए कठोर परिश्रम किया अक्सर उनकी स्वीकार्यता पाने के लिए अपने विवेक के साथ समझौता किया। वे ही वे लोग थे जिन्होंने मुझे पहली बार तिरस्कृत किया कि मैंने ठीक वैसा नहीं किया जैसा वे चाहते थे कि मैं करूँ। अब मैं समझती हूँ कि मैं गलत कारणों से उनकी मित्रता को चाहती थी। मैं असुरक्षित थी और चाहती थी कि “प्रसिद्ध” लोगों के साथ मित्रता रखूँ और सोचती थी कि महत्वपूर्ण लोगों के साथ मेरी संगति मुझे महत्वपूर्ण बनाएगी।
सही मित्रों के चुनाव में हमारी सहायता के लिए साथ ही साथ अपने से संबंधित हर एक बातों के लिए हमें प्रभु पर विश्वास रखना चाहिए।