क्योंकि हम उसके (अपने) बनाए हुए (कार्य) हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिए (नए जन्मे) सृजे गए हैं जिन्हें परमेश्वर ने पहले से (ठहराया) हमारे करने के लिए तैयार किया। -इफिसियों 2:10
हमारी उत्पत्ति से पहले हममें से प्रत्येक के लिए परमेश्वर की एक अनोखी योजना थी। यह एक पराजय, कष्ट, गरीबी, बीमारी, और कमज़ोरी की योजना नहीं थी। परमेश्वर की योजना एक अच्छी योजना है। एक योजना जो जीवन और स्वास्थ्य, प्रसन्नता और परिपूर्णता के लिए है। यिर्मयाह 29:11 में हम पढ़ते हैं, “क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय में करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा।”
यह हममें से प्रत्येक को लाभ देगा यदि हम दिन में कई बार स्वयं से कहते हैं, “मेरे जीवन के लिए परमेश्वर की एक भली योजना है।” हममें से प्रत्येक को दृढ़तापूर्वक इस सच्चाई के प्रति कायल होना है कि हम अपने परिवर्तनशील परिस्थिती और भावनाओं के इस सत्य को प्रभावित होने न दें। आप पूछेंगे, “यदि परमेश्वर ने मेरे जीवन के लिए एक ऐसी अद्भुत योजना रखी है, तो मैं उसमें क्यों नहीं जी रहा हूँ?” मैं समझती हूँ कि आप ये प्रश्न क्यों पूछेंगे? यह अजीब सा लगता है कि यदि परमेश्वर हमसे इतना प्रेम करता है और हमारे जीवन के लिए ऐसी अच्छी योजना रखता है तो हमें क्यों दुःख दर्द और कष्ट से गुज़रना पड़ता है।
जो बात आपको स्मरण करनी है यह है कि हमारा एक शत्रु है जो परमेश्वर की अद्भुत योजनाओं को नष्ट करना चाहता है। यद्यपि परमेश्वर मेरे जीवन के लिए एक अच्छी योजना रखा था, फिर भी मैंने एक दुर्व्यवहार के माहौल में जीवन व्यतीत किया। क्योंकि शैतान आकर उस अच्छी योजना का नाश कर दिया। परन्तु यहाँ कुछ और भी है कुछ ऐसा है जो सचमुच परमेश्वर के विषय में अद्भुत है, हमें यह समझने की ज़रूरत है। जब कोई हमें चोट पहुँचाता है और हमारे लिए उसकी योजनाओं को भीतर से खोखला करना चाह रहा है तो परमेश्वर इसे पसंद नही करता है। जब वह हमें हरी चराईयों में बैठाता है कि हमारे प्राण को पुनस्र्थापित करे (भजन संहिता 23:2-3 देखिए) तो वह हमारी परिस्थितियों के विषय में कुछ उचित करना चाहता है!
यह जानना हमारे लिए बड़ी सात्वनादायक बात होनी चाहिए कि जो हम स्वयं नहीं कर सकते वह प्रभु हमारे लिए करेगा – यदि हम स्वयं को उसके भरोसे में डाल देंगे।