परमेश्वर हमारा स्रोत है, संसार नहीं

परमेश्वर हमारा स्रोत है, संसार नहीं

सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा। – 2 कुरिन्थियों 9:10

परमेश्वर की आर्थिक प्रणाली संसार की प्रणाली की तरह नहीं है। और चाहे हमारे इर्द-गिर्द जो भी हो, हमें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि परमेश्वर हम से प्रेम करता है।

जबकि संसार की आर्थिक प्रणाली अक्सर अस्थिर होती है, परमेश्वर का प्रेम कभी बदलता नहीं और जीवन में हमारी ठोस बुनियाद बना रहता है। हम भरोसा कर सकते है कि चाहे जो भी हो रहा है, परमेश्वर हमारी सहायता करना चाहता और हमारी प्रतिदिन की साधारण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामन्य से हट कर कार्य करेगा।

दूसरा कुरिन्थियों 9:10 बल देती है कि परमेश्वर हमारी आवश्यकताओं को पूरा करता और खाने के लिए हमें रोटी देता है।

परमेश्वर हमारी जरूरतों को पूरा करता है। हमारी नौकरियां हमारा स्रोत नहीं है – परमेश्वर है। इसलिए जब नौकरियां और निवेश खत्म हो जाते हैं, हमें निराश महसूस नहीं करना है क्योंकि परमेश्वर सीमित नहीं है। वह अन्यों ढंगो के द्वारा हमारे लिए प्रबन्ध करता है, ऐसे ढंग जिनकी हम ने कल्पना नहीं की हो सकती या जिनका हमें समय से पहले कोई अनुमान नहीं था।
मत्ती 6:26 हमें यकीन दिलाती है कि अगर परमेश्वर पंछियों की देखभाल करता है, तो हम विश्वास कर सकते है कि हमारे लिए भी प्रबन्ध कर सकता है। क्या आप विश्वास करते है कि परमेश्वर आपकी देखभाल कर सकता है?


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, आप एक वफादार, भरोसेयोग्य स्रोत होने के लिए और सब जो मुझे चाहिए उसका प्रबन्ध करने के लिए आपका धन्यवाद। चाहे कुछ भी हो, मैं आप पर और केवल आप पर मेरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्भर होती हूँ।

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