मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो। जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।-यूहन्ना 15:5
यदि आप एक भयावह मानसिकता के साथ सुबह उठते हैं, तो सबसे श्रेष्ठ कार्य जो आप कर सकते हैं वह एक स्थान ढूँढ़ना और प्रभु के साथ समय बिताना है। उसकी उपस्थिती में रहना हमें परिवर्तित करता है। हम एक दिन को बदल सकते हैं जिसमें शैतान नकारात्मक योजनाएँ रखता है जब हम परमेश्वर को जल्दी खोजना सीखते हैं जब हम कोई व्यवहार या स्वभाव को मसीह के अनुरूप नहीं पाते हैं। उससे अलग हम कुछ भी नहीं कर सकते है (यूहन्ना 15:5), परन्तु उसके साथ और उसके द्वारा हम सब कुछ कर सकते हैं (फिलिप्पियों 4:13)। मैंने सीखा है कि मैं हमेशा भावनाएँ रखूँगी परन्तु मुझे उन्हें अपने पर शासन करने नहीं देना है। मैं उन्हें अपने ऊपर सवार होने नहीं दूँगी परन्तु यदि मैं सहायता के लिए परमेश्वर को खोजती हूँ वह मुझे आत्मा में चलने के लिए सामर्थ्य देता है न कि मेरी भावनाओं के अनुसार चलने में।
क्या होता यदि कोई हमारी भावनाओं पर चोट पहुँचाता या घायल करता है? बाइबल कहती है कि हम आसानी से चोटिले होने के लिए नहीं हैं हमें आदेश दिया गया है कि हम उन्हें तुरन्त क्षमा करें जो हमें चोट पहुँचाते हैं। हम जो सही है वह करना चाहते हों परन्तु ऐसा करना कठिन पा सकते हैं यही समय है जब हमें प्रार्थना करने, परमेश्वर के साथ समय व्यतीत करने, उसके वचन को पढ़ने और कुछ ऐसे वचनों को पढ़े और अपने हृदय में उन वचनों पर ध्यान लगाए जो हमारी परिस्थिती के अनुकूल हो। उसके लिए समय निकाले। परिणाम के रूप में आप और मैं सही काम करने के लिए सामर्थ्य पाएँगे। स्मरण रखिए हम एक युद्ध में है। हम परमेश्वर के सेना में सैनिक हैं और हमें अपने हथियारों को किसी भी समय इस्तेमाल करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनमें से कुछ हथियार प्रार्थना, आराधना, स्तुति और परमेश्वर का वचन है।