
यह मतलब नहीं है कि मैं पा चुका हूँ, या सिद्ध (आदर्श बन) हो चुका हूँ; पर उस पदार्थ को पाने के लिए दौड़ा चला जाता हूँ, जिसके लिए (मसीह) प्रभु यीशु ने मुझे पकड़ा था। -फिलिप्पियों 3:12
अगले पद में पौलुस कहना जारी रखता है कि वह भूल गया कि पीछे क्या रह गया है और आगे की ओर बढ़ता जाता है। परमेश्वर के पवित्र वचन में बहुत सारे सामर्थ्य के सिद्धान्त को हम देखते हैं। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने इसी प्रकार का प्रकाशन प्राप्त किया जब उसने प्रभु के संदेश को आगे लाया। “अब बीती हुई घटनाओं का स्मरण मत करो। न प्राचीनकाल की बातों पर मन लगाओ। देखो, मैं एक नई बात करता हूँ।” (यशायाह 43:18-19)
लगभग हममें से सभी अपने आत्म स्वरूप में कुछ उन्नति कर सके। उस आशा को पाने में समय लगता है जो परमेश्वर ने हमारे लिए रखा है। यह समझने के लिए मेरे लिए परमेश्वर ने कितनी आशा रखी है। मेरे लिए केवल यह करना है कि मैं स्मरण करूँ कि मैं उस समय किस प्रकार का था जब परमेश्वर ने मुझे एक पूर्णकालीक सेवकाई में बुलाया। निश्चय ही मैं उस प्रकार की नहीं थी कि जो आज मैं कर रही हूँ उसे करने के लिए संसार मुझे चुनता। इस तथ्य के रूप में मैं दृढ़ता पूर्वक विश्वास करती हूँ कि बहुत से लोग मेरे ऊपर ठहराए जाते।
यह जानना बहुत ही अद्भुत और सात्वना देनेवाली बात है कि संसार केवल हमारी गलतियों को देखता है, परमेश्वर अभी भी हमारी भावनाओं को देखता है। परमेश्वर ने मेरे लिए इस बात का इंतज़ार नहीं किया कि सब कुछ सही हो जाए इससे पहले कि वह मेरे साथ शामिल हो। मैं तब जहाँ पर थी उसने मेरे साथ वहीं पर प्रारंभ किया और मुझे उस स्थान पर पहुँचाने के लिए उत्तरदायी बनाया जहाँ पर आज मैं हूँ। मुझे निश्चय है कि वह आपके लिए भी यही करेगा।