आगे बढ़ते रहे और आपकी उन्नति का आनन्द लें

आगे बढ़ते रहे और आपकी उन्नति का आनन्द लें

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। – भजन संहिता 119:105

यह सत्य है कि हम सब के पास बढ़ने और परमेश्वर के साथ हमारे संबंध को सुधारने का स्थान होता है। मैं निराश हुआ करती थी कि कितनी दूर तक मुझे जाना है, और ऐसा लगता है कि यह मुझे हर दिन, कई बार हर घण्टे याद कराया जाता था। मेरे अंदर निरंतर एक असफलता की रहती थी – ऐसी एक भावना कि मुझे जो होना चाहिए वो मैं नहीं थी, मैं काफी प्रयास कर रही थी और मुझे और ज्यादा कठिन प्रयास करने की आवश्यकता थी। फिर भी, जब मैंने कठिन प्रयास किया, मैं फिर केवल असफल हुई।

अब मैंने एक नया रवैया अपना लिया हैः मैं वहां नहीं हूँ जहां मुझे होने की आवश्यकता है पर परमेश्वर का धन्यवाद कि मैं वहां नहीं जहां मैं हुआ करती थी। मैं ठीक हूँ और मैं मेरे मार्ग पर हूँ! मैं अपने सारे दिल के साथ जानती हूँ कि परमेश्वर मेरे साथ क्रोधित नहीं है क्योंकि मैं अभी वहां पहुँची नहीं हूँ। वह प्रसन्न है कि मैं आगे बढ़ रही हूँ और उस मार्ग पर बनी हुई हूँ जो उसने मेरे लिए तैयार किया है।

अगर आप और मैं “आगे बढ़ना जारी रखेंगे” तो परमेश्वर उन्नति के साथ प्रसन्न होगा। हो सकता है कि हमें मार्ग पता ना हो, और हम समय-समय पर लड़खड़ा सकते है, पर परमेश्वर वफादार है। वह आपकी उन्नति को देखता है, और वह सही मार्ग पर बने रहने में आपकी सहायता करेगा!


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मैं जहां हूँ वहां के बारे में निराश नहीं होऊँगी। आप पहले ही मुझे यहां तक ले आए है, और मैं जानती हूँ कि आप निरंतर मेरे मार्ग को प्रकाशमान करेंगे।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon