
किसी को रथों का, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे। भजन संहिता 20:7
किसी भी चीज में सफल होने के लिए भरोसा होना जरूरी है, लेकिन सबसे पहले और सबसे जरूरी है कि वह भरोसा परमेश्वर पर और उसके वादों पर हों, न किसी अन्य चीज पर। विश्वासियों के रूप में, हम परमेश्वर के प्रेम, भलाई और दया पर भरोसा रख सकते हैं। यह भरोसा हमें यकीन दिलाता है कि हमारा स्वर्गीय पिता चाहता है कि हम सफल हों।
परमेश्वर ने हमें असफलता के लिए नहीं बनाया है। हम सफलता के मार्ग पर कुछ बातों में असफल हो सकते हैं, परन्तु यदि हम उस पर भरोसा करते हैं, तो वह हमारी गलतियों को भी लेकर उसमें से भलाई ही को उत्पन्न करेगा (रोमियों 8:28)।
इब्रानियों 3:6 हमें बताता है कि “….. हम साहस पर और अपनी आशा [मसीह में] के घमण्ड पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।” यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि अगर हम अपने भरोसे को बनाए रखते हैं तो कोई भी गलती चीजों का अंत नहीं है।
हम सभी की एक नियति होती है, लेकिन सिर्फ इसलिए कि हमें कुछ करने के लिए नियत किया गया है इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपने आप हो जाएगा। जब परमेश्वर मुझे और मेरी सेवकाई को विकसित कर रहा था, तब मैं बहुत सी बातों से होकर गुजरी। कई बार मैंने मेरे जीवन की बुलाहट के बारे में के मेरे भरोसे को लगभग खो दिया था। हर बार मुझे आगे बढ़ने से पहले प्रभु पर निर्भर रहना पड़ता था और उस पर अपना भरोसा रखना पड़ता था। आपके लिए भी यही सच है। जब आप आपका भरोसा खोने की परीक्षा में गिरते हैं, तब परमेश्वर के करीब आएं और उस पर अपना भरोसा रखें।
केवल परमेश्वर पर ही अपना भरोसा रखें, और वह आपको वास्तव में सफल बना देगा।