…मैं इसलिए आया कि वे जीवन पाएँ, और बहुतायत (परिपूर्णता से, जब तक वह छलक न जाए) से पाएँ। – यूहन्ना 10:10
मैं यह कल्पना नहीं कर सकती कि परमेश्वर एक आनंददायक जीवन की ओर हमें नहीं ले चलता है। यहाँ तक कि जीवन की विशेषताओं के प्रति एक समझ लाने का प्रारंभ करना भी जिसका परमेश्वर आनंद उठाता है हमें अपनी आधुनिक दृष्टिकोण को बदलना चाहिए जो वास्तविक जीवन का निर्धारण करते हैं। हमारा समाज यह विश्वास करने के फन्दे में गिर गया है, कि संख्या विशेषता से बड़ी है परन्तु यह सत्य नहीं है। शैतान की ओर से यह झूठ लालच की आत्मा के लिए इंधन बन गया है जो आज के हमारे संसार से जकड़ा हुआ है।
उच्चत्तम गुणवत्ता की कोई भी चीज़ पाना कठिन से कठिन होता जा रहा है। संसार के अधिकांश अद्योगिक देशों में विशेष करके आमेरिका में हर चीज़ की बहुतायत है। फिर भी वहाँ पर हर कहीं से बढ़कर अप्रसन्न लोग हैं। मैं विश्वास करती हूँ कि यदि हमारे पास अधिक विशेषता होती और संख्या कम होती तो हम अपने प्रतिदिन के जीवन में अधिक वास्तविकता का आनंद लेते। अपनी संपूर्णता के साथ चालीस वर्ष जीना बिना आनंद उठाए सौ साल जीने की तुलना में कहीं श्रेष्ठ है, जिसमें हम जीवन के प्रत्येक पहलू का आनंद उठाते हैं।
परमेश्वर का धन्यवाद हो कि हम एक लम्बा और गुणोंवाला जीवन जी सकते हैं। परन्तु मैं एक बात कहना चाह रही हूँ, विश्वासियों के रूप में मेरे और आपके पास वह श्रेष्ठ जीवन उपलब्ध है जो परमेश्वर का है। उसका जीवन भय, तनाव, चिंता, व्याकुलता या निराशा से भरा हुआ नहीं है। परमेश्वर अधैर्यवान नहीं है और वह जल्दबाज़ी नहीं करता। वह अपनी सृष्टि का आनंद उठाना चाहता है, जो उसके हाथों के कार्य हैं। न केवल अपने कार्यों का आनंद उठाना सीखिए परन्तु सुबह सुबह काम पर जाने का भी आनंद उठाइए। यातायत के विषय में इतना अधिक तनावग्रस्त न हों और अपने मन को उस कार्य पर लगाएँ जो आपको करने की ज़रूरत है। जब आप अपने स्थान पर पहुँचते हैं या आप अपनी यात्रा का आनंद उठाने से चूक न जाएँ।