हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिए सब बातें मिलकर (एक योजना मे उपयुक्त होने) भलाई ही को उत्पन्न करती हैं; अर्थात् उन्हीं के लिए जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। – रोमियों 8:28
मैंने पाया है कि यदि हमारा हृदय सही है और जिन बातों को करना जानते हैं उसके विषय में सबसे श्रेष्ठ करते हैं। जब हम उससे सुनते हैं परमेश्वर हमकों छुड़ाएगा और हमारे आज्ञापालन के कर्मों का आदर करेगा। यदि हम आज्ञापालन करने के लिए बच्चों के समान भरोसे के साथ आगे बढ़ते हैं जो हम अपने हृदय में विश्वास करते हैं कि उसने हमें करने के लिए कहा है चाहे वह निर्णय गलत भी हो। परमेश्वर उस गलती को लेकर हमारी भलाई के लिए इस्तेमाल करेगा।
बहुत से लोग आगे बढ़ने से डरते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि यदि वे कुछ गलती करते हैं तो परमेश्वर उनसे क्रोधित होगा। परन्तु यहीं पर विश्वास पर चलने के लिए उसके चरित्र पर विश्वास करना बहुत ही आवश्यक है। लोग जो आज्ञा पालन से बहुत अधिक डरते हैं वे फिर भी किसी न किसी प्रकार किसी दुर्दशा में होते हैं कि वे उससे बाहर निकलने और परमेश्वर जो कहता है उसे करने का प्रयास करने के द्वारा इससे बुरी दुर्दशा में नहीं पहुँच सकते हैं।
मैंने सेन्ट लुईस चर्च में एक सहायक पास्टर के रूप में अपनी सेवा को बहुत पसंद करती थी। मैंने वहाँ से इसलिए नहीं छोड़ा क्योंकि मैं छोड़ना चाहती थी परन्तु परमेश्वर का अभिषेक मुझ पर से उठा लिया गया और मैं तब तक दुर्दशा में पड़ी रही जब तक मैंने उसकी आज्ञा का पालन नहीं किया। मैं समझी कि मैं केवल तभी शांति पा सकती हूँ जब मैं जो विश्वास करती हूँ उसे जाँच लेती हूँ कि उसने मुझ से ऐसा करने के लिए कहा है। यह देखने का एक मात्र तरीका यही था कि उसकी आवाज़ सुनने के विषय में मैं सही हूँ या गलत।
अब मैं आपको इस सच्चाई के साथ उत्साहित करती हूँ। अपना संपूर्ण जीवन सुरक्षा के खेल में मत खेलिए। सुरक्षा बहुत आरामदायक है परन्तु यह आपको परमेश्वर की सिद्ध योजना से दूर रख सकता है।