
… और अपने आप को आपस में नाप तौलकर एक दूसरे से मिलान करके मूर्ख ठहरते हैं। 2 कुरिन्थियों 10:12
यदि आपने आपके जीवन में असुरक्षा का सामना किया है, तो उस असुरक्षा पर काबू पाने की एक महत्वपूर्ण कुंजी यह है कि: कभी भी अपनी तुलना किसी और से न करें क्योंकि यह हीनता की भावनाओं को आमंत्रित करता है।
मैं वास्तव में आपको प्रोत्साहित करना चाहती हूं कि आप अन्य लोगों के साथ अपनी तुलना करना बंद करें कि आप कैसे दिखते हैं, आप किस पद पर हैं, या आप कितनी देर तक प्रार्थना करते हैं। तुलना स्वयं पर ध्यान केंद्रित करती है और आपके जीवन के लिए परमेश्वर की योजना को विफल करती है।
उसी तरह, हमें अपनी परीक्षाओं की तुलना दूसरे लोगों की परीक्षाओं से करने से बचना बुद्धिमानी होगी। हो सकता है कि आप किसी मुश्किल से गुजर रहे हों, लेकिन किसी और की तरफ न देखें और कहें, “यह सब मेरे साथ ही क्यों हो रहा है जबकि आपके साथ यह इतना आसान है?”
यीशु ने समय से पहले पतरस को उन कुछ कष्टों के बारे में बताया, जिनसे उसे गुजरना था। पतरस तुरंत यह कहकर उसके कष्ट और उसके जीवन में की उसकी स्थिति की तुलना किसी और के साथ करना चाहता था, “हे प्रभु, इसका क्या हाल होगा?” यीशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं चाहूँ कि वह मेरे आने तक ठहरा रहे (जीवित रहे), तो तुझे इससे क्या? तू मेरे पीछे हो ले।” (यूहन्ना 21:22)।
हमारे लिए भी उसका यही जवाब है। हमें तुलना करने के लिए नहीं बल्कि केवल हमारे लिए उसकी इच्छा का पालन करने के लिए बुलाया गया है।
परमेश्वर चाहता है कि आपको पता चले कि आप अद्वितीय हैं और उसके पास आपके जीवन के लिए एक व्यक्तिगत, विशिष्ट योजना है।