तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिहांसन के सामने खड़े होंगे। क्योंकि लिखा है, “प्रभु कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध का हर एक घुटना मेरे सामने टिकेगा, और हर एक जीभ परमेश्वर को अंगीकार करेगी (उसके आदर और स्तुति के स्थिति में पहचानेगी)।” इसलिए हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना लेखा देगा। अतः आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ, पर तुम यह ठान लो कि कोई अपने भाई के सामने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे। -रोमियों 14:10-13
जब मैं परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़ी होती हूँ तो वह मुझ से आपके बारे में नहीं पूछने जा रहा है। ठीक उसी प्रकार जैसे आप उसके सामने प्रगट होते हैं तो आप से मेरे बारे में नहीं पूछने जा रहा है। वह मुझे पृथ्वी पर जॉयसमेयर के अलावा और किसी के विषय में उत्तरदायी ठहराने नहीं जा रहा है।
मैं नहीं जानती कि स्वयं को सही करने के लिए मैंने परमेश्वर के साथ कार्य करने हेतु कितना समय रख छोड़ा है। परन्तु मैं उन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उपयोगी होना चाहती हूँ जो वह मेरे विषय में मुझ से पूछता है। यदि मैं उसके सामने खड़ी होती और वह मुझ से पूछता, “जॉयस, तुमने मेरी बातों पर क्यों ध्यान नहीं दिया, जब मैं तुम्हारे साथ तुम्हारी गलतियों के विषय में बात कर रहा था?” मैं नहीं चाहती कि मेरे पास कोई ऐसा उत्तर हो, “हाँ प्रभु, मेरे पास समय नहीं था, क्योंकि मैं बहुत अधिक व्यस्त थी अपने पति डेव को, सुधारने में।”
इस भाग के अनुसार हम में से हर एक जन परमेश्वर पिता को अपने स्वयं का हिसाब देने वाले है। इसीलिए हमें अपनी सन्तुष्टि के लिए कार्य करने की ज़रूरत है और मसीही में अपने भाई-बहनों के रास्ते में रूकावटें, बाधाएँ, रखना छोड़ देना है। हम सब कभी भी हर बातों में एक समान विश्वास नहीं रख सकते हैं। इसलिए हमसे कहा गया है कि हम अपने विश्वास के अनुसार चलें और हर कोई इसी प्रकार से करे।