वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे; वह मेल मिलाप को ढूंढे, और उसके यत्न में रहे। —1 पतरस 3:11
मेरी सेवकाई के वर्षों के दौरान, मैंने पाया है कि बहुत से लोग वास्तव में खुद को पसंद नहीं करते हैं। वे खुद को अस्वीकार करते हैं! यह हमारे विचार से कहीं अधिक बड़ी समस्या है। यह निश्चित रूप से परमेश्वर की इच्छा नहीं है कि उसके बच्चे उनके स्वयं के विरुद्ध हों। इसके बजाय, यह हमें दुखी करने और हमें दूसरों से प्रेम करने से रोकने के लिए शैतान के प्रयास का एक हिस्सा है।
यदि हम स्वयं को स्वीकार नहीं करेंगे, तो हम अन्य लोगों के साथ मेल-मिलाप का यत्न नहीं करेंगे। जब हम स्वयं को अस्वीकार करते हैं, तब हमें ऐसा प्रतीत हो सकता है कि दूसरे भी हमें अस्वीकार करते हैं। रिश्ते हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हम अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं, यह जीवन और रिश्तों में हमारी सफलता का एक निर्धारण कारक है। हमें मसीह में पूर्ण रूप से भरोसा रखने की आवश्यकता है!
हमारी आत्म-छवि वह आंतरिक चित्र है जिसे हम स्वयं लेकर चलते हैं। यदि हम जो देखते हैं वह अच्छा नहीं है, पवित्रशास्त्र के अनुसार सही नहीं है, तो हम अपने बारे में भय, असुरक्षा और विभिन्न भ्रांतियों से पीड़ित होंगे।
परमेश्वर हमसे प्रेम करता है और वह चाहता है कि हम उसके प्रेम को स्वीकार करें। और उसके प्रेम के कारण, हम स्वस्थ, संतुलित तरीके से स्वयं से प्रेम कर सकते हैं। हम परमेश्वर की सन्तान हैं—ऐसे लोग जो प्रिय, स्वीकृत है, और उसके अनुग्रह से प्रतिदिन उन्नति कर रहे है!
यीशु हमारे जीवन को पुनर्स्थापित करने आया था। जिन चीज़ों को वह पुनर्स्थापित करने के लिए आया था उनमें से एक स्वस्थ, संतुलित आत्म-छवि है।