पवित्र आत्मा की धीमी आवाज़ को सुनना

पवित्र आत्मा की धीमी आवाज़ को सुनना

परन्तु जिस के बंधन में हम थे उसके लिए मर कर, अब व्यवस्था  से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन्
आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं। -रोमियों 7:6

इस भाग के अनुसार हम और अधिक व्यवस्था के अधीन नहीं हैं। परन्तु पवित्र आत्मा की प्रेरणा के प्रति आज्ञाकारिता के कारण प्रभु की सेवा करते हैं। धीमी आवाज़ का अर्थ है “पहचानना” जो आपके भीतर में कहता है कि तुम्हें क्या करना चाहिए। 1 राजा 19:11-12 वर्णन करता है कि “शांत और धीमी आवाज़” का प्रतिरोध प्रभु ने एलिय्याह के साथ कियाः “और यहोवा पास से होकर चला और यहोवा के सामने एक बड़ी प्रचण्ड आँधी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं तौभी यहोवा उस आँधी में न था। फिर आँधी के बाद भूकंप हुआ, तौभी यहोवा उस भूकंप में न था। फिर भूकंप के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था। फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया।”

परमेश्वर की धीमी आवाज़ का अर्थ किसी के सिर पर हथोड़े से वार करना नहीं है! परमेश्वर ने बड़ी और शक्तिशाली हवा, भूकम्प या आग का उपयोग धीमी आवाज़ के लिए नहीं किया। परन्तु उसके बजाए “एक शांत और सौम्य आवाज़” और “एक स्थिर और धीमी आवाज़” के रूप में आया।

एक “धीमी और शांत आवाज़” अनिवार्य रूप से एक आवाज़ नहीं है। यह परमेश्वर की बुद्धि और शक्ति है जो उस क्षण में आपको दिशा दे रहा हो। 1 कुरिन्थियों 1:30 कहता है, “परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिए ज्ञान ठहरा, अर्थात धर्म, और पवित्रता, और छुटकारा।” यदि हम नया जन्म प्राप्त किए है तो यीशु हमारे भीतर रहता है। यदि वह हमारे भीतर रहता है तो हमारे भीतर परमेश्वर की बुद्धि है जो किसी भी क्षण हमें खींचने के लिए है! परन्तु जब तक हम बुद्धि की नहीं सुनते हैं वह हमारी कोई भलाई नहीं कर सकता है।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon