यीशु के आने का कारण

यीशु के आने का कारण

परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगाः हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। – याकूब 4:8

मैं चाहती हूँ कि आप ऊपर दी गई आयत के बारे कुछ ध्यान करें। ध्यान दें कि हमें पाप करना बंद करने से पहले हमें परमेश्वर के निकट आने के लिए कहा गया है।

यहां पर बहुत से लोग है जो इसे उलटा करते है। वह सोचते है कि वह कभी भी परमेश्वर के पास नहीं आ सकते, कभी भी उसके साथ संबंध नहीं रख सकते, और कभी भी मसीही नहीं बन सकते क्योंकि उनके जीवन में अभी वह बातें है जिन पर पहले उन्होंने जय प्राप्त करनी है। वह स्वयं को पहले सही करने का प्रयास कर रहे है ताकि वह उसके साथ एक संबंध रखने के लिए काफी अच्छे बन सकें।

पर वह गलत है। यीशु इसलिए आया क्योंकि हम उसके बिना कभी भी काफी अच्छे नहीं हो सकते थे। हमारे जीवनों में यीशु की हमें जरूरत है। उसकी मृत्य, हमारे पापों के लिए उसके बहाए लहू ने-उस कर्ज का भुगतान किया जो हम पर था।

जब तक हम यीशु के नाम द्वारा परमेश्वर के निकट नहीं आते यहां पर पाप से शुद्ध होने का कोई मार्ग नहीं है। परमेश्वर आज आपके निकट आने की लालसा रखता है। दूर मत रहें, इस झूठ पर विश्वास करते कि आपको पहले अपने पाप से शुद्ध होना है। इसकी बजाए, परमेश्वर के पास जाएं, और उस बलिदान के द्वारा जो यीशु ने आपके लिए किया के उसे आपको शुद्ध करने की अनुमति दे।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मैं यीशु के लहू के द्वारा आपके पास आती हूँ जो मेरे पाप से मुझे शुद्ध करता है। आपकी क्षमा के लिए आपका धन्यवाद। मैं शर्मिन्दगी में रहने से इन्कार करती हूँ क्योंकि मैं जानती हूँ कि मैं आपके प्रेम और क्षमा को प्राप्त करते आपके निकट आ सकती हूँ।

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