शरीरिक मसीही और आत्मिक मसीही

शरीरिक मसीही और आत्मिक मसीही

शरीरिक मसीही और आत्मिक मसीही

क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? – 1 कुरिन्थियों 3:3

यहां पर दो किस्म के मसीही है, और आपको चुनना है कि आपको किस किस्म के बनना है। क्या आप एक शरीरिक मसीही बनोगे या एक आत्मिक मसीही?

एक शरीरिक मसीही लोगों को प्रसन्न करने वाला होता है जो कि परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाए दूसरे लोग क्या सोचते है इसके बारे ज्यादा परवाह करता है। वह जो कि कहते और करने को महसूस करते वो करते और अपनी भावनाओं के अनुसार चलते अपरिपक्क होते है।

एक आत्मिक मसीही वो है जो कि परिश्रम के साथ पवित्र आत्मा की इच्छाओं का अनुसरण करता है। वह प्रत्येक दिन वचन के साथ अपनी आत्मा को भोजन देता, परमेश्वर को अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आने की अनुमति देता है। परमेश्वर के साथ उसका संबंध सप्ताह के प्रत्येक दिन उसके जीवन का केंद्र होता है, ना कि सप्ताह में केवल चर्च के दिन दौरान ही।

अगर आपने यह पहले से नहीं किया है, तो मैं आपको मसीह का पूरा समय अनुसरण करने के लिए समर्पण करने की विनती करती हूँ। सब जो आप करते उसमें परमेश्वर को आने दें। प्रेम में, ईमानदारी, नम्रता और शांति में चलें। अन्यों के साथ मेल से रहें। आत्मा का फल प्रर्दिशत करें और परमेश्वर के अनुग्रह का आनन्द लें।


आरंभक प्रार्थना

परमेश्वर, मैं सदा शरीर के द्वारा अगुवाई की जाती एक शरीरिक मसीही नहीं होना चाहती हूँ। इसकी बजाए, मैं एक जीवन जो आपको प्रसन्न करता है ऐसा जीवन व्यतीत करते, पवित्र आत्मा द्वारा अगुवाई पाना चाहती हूँ। मैं आज एक आत्मिक मसीही होना चुनती हूँ, शरीरिक नहीं।

Facebook icon Twitter icon Instagram icon Pinterest icon Google+ icon YouTube icon LinkedIn icon Contact icon