
यिर्मायाह 29:11 “क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें जानता हूँ, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा।”
क्या यह जानना तसल्ली देने वाला नहीं है कि यहाँ पर आपके जीवन के लिए योजना है? इस से बेपरवाह कि आपके साथ क्या हो रहा है, गलत मोड़ और ग़लत कदम उठाने के बावजूद, परमेश्वर इस पल में आपकी अगुवाई कर रहा था। असल में, वह सीधा अपनी तरफ आपकी अगुवाई कर रहा था। सच्चाई यह है कि आपका अंत भविष्य और आशा दोनों उस में है।
उसका साधारण अर्थ यह है, आप अपना पूरा जीवन यीशु के साथ और उसके लिए व्यतीत कर सकते है। और उसी के कारण, उसी के वायदे के कारण वह आपको कभी भी त्यागेगा नहीं या छोड़ेगा नहीं, अब आपके पास कुछ बहुत उत्साहित करने वाला है।
यह एक यात्रा हैः एक लम्बी जीवन की प्रक्रिया
आप अपने आप से पूछ रहे हो सकते है, अब जब मैंने मसीह को ग्रहण कर लिया है तो मैं क्या करूँ? अभी जब आपने पहला कदम उठा लिया है तो यह बड़ा प्रश्न है। यद्यपि कि आप हो सकता अभी कोई फर्क महसूस ना करें, यह जानें कि मसीह ने आपके अन्दर काम करना आरंभ कर दिया है।
कुलुस्सियों: 2:6-7 अतः “जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो, और उसी में जड़े पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अधिकाधिक धन्यवाद करते रहो।” यह जड़े प्रार्थना, परमेश्वर का वचन, बाईबल को पढ़ने और मार्गदर्शन करने की अनुमति देने के द्वारा स्थापित होते है।
मसीह के साथ आपके जीवन को आरम्भ करना
परमेश्वर के वचन का वायदा और वचन जो यीशु ने अपने शिष्यों को बोलें वह यह हैः “चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है; मैं इसलिए आया कि वे जीवन पाएँ, और बहुतायत से पाएँ।” -यूहन्ना 10:10
आप मसीह में एक पूर्ण और उत्साहित जीवन व्यतीत करने के लिए बुलाए गए है और हम मजबूती से आपकी यात्रा आरंभ करने में सहायता करना चाहते है।