
इन बातों के पश्चात् यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा, “हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा प्रतिफल मैं हूँ ।” उत्पत्ति 15:1
जैसा कि हमने उत्पत्ति 12:1 में देखा परमेश्वर ने अब्राम को बड़ा आज्ञा दिया कि “अपने चीज़े समेट कर सबको छोडकर, जिन्हें तुम जानते है, ऐसे जगह जाओ जो तुम्हे मैं बताऊँगा।”
यदि अब्राम डर कर घुटने टेकता तो यह कहानी कभी पूरी नही होती। वह कभी भी परमेश्वर को अपने सुरक्षा का ढाल अपनी पारितोषिक और अत्यन्त प्रतिफल के रूप में नहीं जान पाता।
इसी प्रकार, यदि यहोशु अपने भय पर विजयी न होता तो वह परमेश्वर के आज्ञानुसार उसके लोगों को परमेश्वर द्वारा प्रमाणित देश में न ले जाता और न ही वे लोग परमेश्वर द्वारा नियोजित आशिषो को प्राप्त कर पाते।
परमेश्वर के वचन में सामर्थ्य है जिस कारण हम शैतान के इच्छाओं के सामने घुटने न ठेक कर परमेश्वर जो चाहता है वह कर सकते है। चाहे वह डर कर ही क्यों न हो।