
कल्पना कीजिए कि आप सड़क पर गाडी चला रहे है। यह सड़क जीवन की सड़क है। सड़क के बीच में कुछ लकीरे हैं। कभी तो ये पीले रंग की दोहरी धारियां होती हैं हमें सचेत करती हैं कि, “यदि आप इन धारियों को पार करेंगे तो आप मुश्किल में पडने जा रहे हैं: आपके साथ एक बडी दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ जाता है।”
कभी ये टूटी हुई सफेद धारियां होती है जिनका मतलब है, “आप पार कर के सड़क के दूसरी तरफ जा सकते हैं और अगर आपका मन है तो अपने सामने वाली गाड़ी से आगे निकल सकते हैं अगर आप इन धारियों को पार कर देते हैं तो आप शायद ठीक हैं। अगर आप सामने से अपने वाली गड़ियो को ध्यान से न देखें तो आप मुश्किल में भी पड़ सकते हैं।”
सड़क के किनारे कुछ और भी सूचक चिह्न होते हैं जो कोई विशेष दिशा या चेतावनी को देते हैं “वन वे””घुमावदार रास्ता””निर्माणकार्य गतिशील है””आगे मोड है।”अगर आप इन सूचक चिह्नों की सूचनाओं के अनुसार चलेंगे तो आपको सड़क पर गाड़ी चलाने में मदद मिलेगी। आप बहुत बायी ओर नहीं जायेंगे और दुर्घटना से बच जायेंगे और न ही आप बहुत दायी ओर जायेगे और किसी गड्ढे में गिरेंगे।
ठीक इसी प्रकार, हमारे जीवन में भी आत्मिक सूचक चिह्न होते हैं। परमेश्वर की सुरक्षा चिह्नों का अनुसरण करना चाहिए। यह हमें बताते हैं कि उस पर भरोसा रखें और बिल्कुल चिन्ता न करें, भय न करें।, व्याकुल न होए और अपने बोझ को परमेश्वर पर डाल दें। हमें किसी उत्तर को पाने के लिए अत्यधिक प्रयास करने के बजाय अपने विचारों को उन बातों पर केन्द्रित करना चाहिए जो “सत्य””निष्कपट,””उचित,””शुद्ध”और “मनभावनी”हों, “अच्छी सूचना” हों, और “सदगुण”और प्रशंसा की हों। (फिलिप्पियों 4:8)
अगर हम इन सूचक चिह्नों का अनुसरण करे और सड़क की सीमा के बीच रहें तो हम अंत तक ठीक बने रहते हैं। हम सुरक्षित रहते हैं और अपने जीवनकाल में परमेश्वर के वचन की अद्भुत और आश्यर्चजनक प्रतिज्ञाओं को पूरा होता हुआ देख सकते हैं।