उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दुःखियों को सन्तुष्ट करे, तब अन्धियारे में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा। – यशायाह 58:10
परमेश्वर उन लोगों की सहायता करने के लिए जोशिला है जो दुखी और आवश्यकता में होते है। कई सालों के दौरान, जब मैं उसके और निकट आई और मेरे लिए उसका प्रेम बढ़ा है, मैंने हर दिन एक ऐसे ढंग में जीवन व्यतीत करने का दृढ़ निश्चय किया है जो किसी अन्य के जीवन को उत्तम बनाएगा। परमेश्वर का जोश मेरा जोश बन गया है।
अन्यों तक पहुँचना कुछ वह नहीं जिसके लिए हमें केवल बातें ही करनी है। मसीही जीवन को व्यतीत करना सबसे ऊँची प्राथमिकता होनी चाहिए।
अन्यों की सहायता करने के लिए स्वयं को ले जाने के लिए दृढ़ निश्चय और समर्पण चाहिए होता है, पर परमेश्वर चाहता है कि हम ऐसे ही जीवन व्यतीत करें। परमेश्वर कहता है जब आप सचमुच अन्यों के लिए स्वयं को देते और उडेंल देते हो, वह आपको इस्तेमाल करेगा। “उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दुःखियों को सन्तुष्ट करे, जब अन्धियारे में तेरा प्रकाश दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा” (यशायाह 58:10)।
अगर आप आपकी अपनी स्थिति से आगे जाएं और मसीह के प्रेम को अन्यों के लिए लाएं, तो आपकी शांति और आनन्द बढ़ेगा, जिस संघर्ष का आप सामना करते उन्हें भी लुप्त करेगा। और आप जहां वह मूल्य रखता वहां एक फर्क को बनाते हुए अद्भुत संतुष्टी का अनुभव देगा।
इसलिए इस पर गौर करें: क्या आपको परमेश्वर के जोश को अपना जोश बनाने के लिए आपकी प्राथमिकताओं को पुनः व्यवस्थित करने की आवश्यकता है? उससे पूछें कि आपको दिखाए कि कैसे अन्यों तक पहुँचना और उसकी ज्योति और प्रेम को उन तक ले जाना है जिन्हें यह सबसे ज्यादा चाहिए।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मैं चाहती हूँ कि आपका जोश मेरा जोश हो। मुझे दिखाएं कि कैसे मेरी प्राथमिकताओं को पुनः व्यस्थित करना है और जैसा आप चाहते उस ढंग में अन्यों तक पहुँचना है।