अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुँह की चैकसी कर कि उससे छल की बात न निकले। -भजनसंहिता 34:13
परमेश्वर को महिमा देने की एक विशेष कुंजी हमारी जीभ पर नियंत्रण रखना है। भजनसंहिता 50:23 कहती है, धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है…
अगर आप परमेश्वर को प्रतिदिन अपना मुँह दें ताकि केवल धर्मी बातें ही आपके मुँह से निकले तब क्या होगा? और मैं आपके प्रार्थना के समय में ही केवल परमेश्वर की प्रंशसा करने और धन्यवाद देने, या स्वयं पर सकारात्मक, उत्साहित करने वाले शब्द बोलने की बात नहीं कर रही हूँ। आपके संबंधों की सेहत कैसे आप दूसरों के बारे में बोलते, उस पर निर्भर होती है।
भजनसंहिता 34:13 कहती है, अपनी जीभ को बुराई से और अपने मुँह की चैकसी कर कि उससे छल की बात ना निकलें। क्या आप दूसरों के साथ झूठ बोलते है? क्या आप उनका अपमान करते या उनके बारे में बुरा बोलते है या आप उत्साहजनक, जीवन देनेवाले शब्द बोलते हैं ताकि प्रत्येक जिससे आप मिलते उसके लिए आनन्द को लाएं?
अपना मुँह परमेश्वर को समर्पित करें और जो उसे प्रसन्न करता केवल उसके लिए ही इस्तेमाल करें-स्तुति और आराधना, उन्नति और उपदेश, और धन्यवाद देने के लिए। हर सुबह अपने होठों को बलिवेदी पर रखें। परमेश्वर को उसके वचन की प्रार्थना करते हुए अपना मुँह दें: हे, प्रभु मेरा मुँह खोल दे, तब मैं तेरा गुणानुवाद करूँगा (भजनसंहिता 51:15)।
आरंभक प्रार्थना
प्रभु, मेरे होठों को खोल, और मेरा मुँह आपकी प्रशंसा करेगा और धन्यवाद देगा। मेरे शब्दों और आनन्द को लाने और आपकी प्रशंसा और महिमा के लिए इस्तेमाल करने में मेरी सहायता करें।