जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए (समझते हैं, पहचानते हैं, जागरूक हैं, अवलोकन और अनुभव से) और हमें उसका विश्वास है (पालन करते हैं और विश्वास करते हैं और भरोसा करते हैं)। परमेश्वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है, और परमेश्वर उसमें बना रहता है। 1 यूहन्ना 4:16
हम परमेश्वर द्वारा प्रेम के लिए सृजे गए हैं। प्रिय और प्रेम पाना ही जीवन को जीने लायक बनाता है। यह जीवन को उद्देश्य और अर्थ देता है। लेकिन अगर हमने पाप और क्षमा न करना और अतीत को हमें परमेश्वर के प्रेम से अलग करने की अनुमति दी है, तो यह हमें प्रेम के भूखे और दुःखी बना देगा।
बहुत से लोग स्वस्थ, स्थायी रिश्ते बनाए रख नहीं पाते हैं क्योंकि या तो वे नहीं जानते कि प्रेम कैसे प्राप्त करें या वे दूसरों के सामने ऐसी चीजों की असंतुलित मांग रखते हैं जो केवल परमेश्वर ही उन्हें दे सकता है। परिणामी निराशा अक्सर विवाहों को बर्बाद कर सकती है और दोस्ती का दम घोट सकती है।
बाइबल हमें सिखाती है कि परमेश्वर सिद्ध या बिना शर्त वाला प्रेम करता है। हमारे प्रति का उसका सिद्ध प्रेम हमारी सिद्धता पर आधारित नहीं है। परमेश्वर हमसे प्रेम करता है क्योंकि वह ऐसा चाहता है! परमेश्वर प्रेम है (1 यूहन्ना 4:8)। वह प्रेम है। परमेश्वर हमेशा प्रेम करता है; आपको बस इतना करना है कि उस प्रेम को आप स्वीकार करें और प्रत्येक दिन आत्मविश्वास के साथ जीवन जिएं, यह जानते हुए कि उसका प्रेम हमारे जीवन को उद्देश्य और अर्थ प्रदान करता है।
आपके लिए परमेश्वर के सिद्ध प्रेम का एक रहस्योद्घाटन आपके जीवन को और उसके साथ की आपकी यात्रा को बदल सकता है।