तुम्हें इसलिए नहीं मिलता कि माँगते नहीं। -याकूब 4:2
लगभग बीस साल पहले, इस अगले वाक्य ने मेरे जीवन को बदल दिया। तुमे इसलिए नहीं मिलता कि तुम माँगते नहीं। इस संक्षिप्त आयत ने मेरे लिए निरंतर प्रार्थना की जीवन बदलने वाली शक्ति को खोजने के लिए एक द्वार को खोल दिया।
उस समय मेरे जीवन में, मैं बहुत सी भिन्न-भिन्न बातों के बारे में तनावग्रस्त थी। मैं अपनी सेवकाई को बढ़ाने का प्रयास कर रही थी, मेरे पति को यह या वो करने वाला बनाने का प्रयास कर रही थी, मेरे बच्चों को एक निश्चित ढंग में कार्य करने वाला बनाने का प्रयास कर रही थी, दूसरे लोगों को जो मैं चाहती वह करने वाला बनाने का प्रयास कर रही थी, बुनियादी तौर पर मैं सब कुछ मेरे अपने ढंग में करने का प्रयास कर रही थी। जैसा कि आप संभावी तौर पर अंदाजा लगा सकते, यह कार्य नहीं कर रहा था!
एक थकी, निराश युवा मसीही होते, मैंने एक दिन पहचाना कि मेरी अपनी ताकत में जीवन व्यतीत करना व्यर्थ था। मुझे अपनी समस्या परमेश्वर के पास ले जाने की आवश्यकता थी। दूसरे शब्दों में, मुझे और प्रार्थना करने की जरूरत थी!
जब हम परमेश्वर के प्रेम और हमारे लिए उसकी योजना को समझते है, हम उन द्वारों को पहचाना आरम्भ हो जाते जो वह हमारे लिए खोलना चाहता है। पर हम केवल तब इन बातों को पहचानेंगे जब हम निरंतर उससे बात करेंगे, उसकी आवाज को सुनेंगे, और उसके साथ हमारे संबंध की गहराई में बढ़ेंगे।
मत्ती 7:7 में यीशु हमें बताता है, माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
बहुत बार हम, जब हम हमारी रस्सी के अंतिम छोर तक पहुँचते है, हम तब प्रार्थना की तरफ मुड़ते है, पर जब हमारी प्रार्थनाओं का तुरन्त उत्तर नहीं मिलता, तो हम हिम्मत हार जाते है। आज, मैं आपको केवल प्रार्थना करने के लिए नहीं, पर निरंतर प्रार्थना करने के लिए उत्साहित करना चाहती हूँ। खुद ही अपने बातों को होने वाला बनाने का प्रयास करते तनाव में न आए। जब आप प्रार्थना करते है तो यह सब परमेश्वर को दें।
याद रखें, वह वायदा करता कि जब हम उसे खोजते तो हम उसे पा लेंगे। आओ हम प्रार्थना करें और हमारे सारे हृदय के साथ उसे खोंजे।
आरंभक प्रार्थना
परमेश्वर, मुझे मेरी समस्याओं को आपके पास लाना याद कराएं। मैं मेरी स्वयं की ताकत में जीवन व्यतीत करते थक चुकी हूँ। मुझे आपकी अगुवाई और मार्गदर्शन चाहिए। जब मैं प्रतिदिन आपको खोजती हूँ, तो मैं अपना भरोसा आप पर रखूँगी।