परमेश्वर की सीमाएँ

परमेश्वर की सीमाएँ

क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर (पवित्रस्थान) है,  जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से (दान के रूप में)  मिला है; और तुम अपने नहीं हो? क्योंकि (बहुमूल्य दाम देकर) मोल  लिए गए हो, इसलिए अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो। -1 कुरिन्थियों 6:19-20

तनाव शब्द मूल रूप से वैज्ञानिक शब्द है, जो किसी भी क्षण पर दबाव से डालने से संबंधित है या उस भौतिक ताकत के विषय में है जो वह बिना नाश हुए सह सकता है।

हमारे समय में इस शब्द का उपयोग केवल भौतिक दबाव ही नहीं मानसिक और भावनात्मक तनाव तक भी विस्तृत हो गया है। मनुष्य के रूप में मैं और आप एक साधारण तनाव का इस्तेमाल करने के लिए बनाए गए हैं। परमेश्वर ने हमें कुछ निश्चित मात्रा में हमें दबाव और तनाव सहने के लिए बनाया है। समस्या तब आती है जब हम अपने आपको इस सीमा से परे ढ़केलते हैं। जिसे हम अपने स्थाई नुकसान के बिना सहन कर सकते हैं। परन्तु बहुत से लोगों के समान चूँकि मेरे पास करने के लिए काम है। मैं स्वयं पर दबाव डालता रहता हूँ चाहे यह मुझे भौतिक रूप से नुकसान पहुँचाए।

हाँ, बीमारी मुझ पर या डेव पर दबाव डालती है हम तुरन्त ही चंगाई के लिए प्रार्थना करते हैं। परन्तु यदि अनावश्यक रूप से अपने शरीर पर बोझ डालने के द्वारा आप बीमार पड़ते हैं, जो परमेश्वर की सीमा से बाहर हो, जो उसने आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए तैयार किया हो, तो आपको आराम के साथ साथ अपने स्वास्थ्य को पुरानी स्थिति में लाने के लिए प्रार्थना की भी ज़रूरत है। जो सीमाएँ उसने ठहराई है हमारे अपने भले के लिए है।

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