पवित्र आत्मा के नेतृत्व पर भरोसा रखना

पवित्र आत्मा के नेतृत्व पर भरोसा रखना

इसलिए यदि पुत्र तुम्हें स्वतन्त्र करेगा, तो  सचमुच तुम स्वतन्त्र हो जाओगे। -यूहन्ना 8:36

एक बार मैंने पढ़ा कि हम विश्वासी लोग ऐसे जहाज़ के समान हैं जिन्हें परमेश्वर समुद्र में डालना चाहता है कि जहाँ कहीं हवा और लहरें हमें लेके जाएँ वहाँ हम जाएँ। समुद्र उस स्वतन्त्रा को दर्शाता है जो परमेश्वर हमारे साथ है और पवित्र आत्मा हवा का चिन्ह है। परन्तु नए विश्वासियों के रूप में हम नौकाघाट से तब तक बन्धे रह सकते हैं जब तक हम न सीखें कि उसका अनुकरण किस प्रकार करना है। क्योंकि यही एक मात्र स्थान है जहाँ पर हम जहाज़ के क्षतिग्रस्त होने से बच सकते हैं। जब हम पवित्र आत्मा के उन आन्तरिक प्रेरणाओं का अनुकरण करना सीख जाते हैं, हम उस नौकाघाट से खोले जा सकते हैं और उसकी अगुवाई में खो जाने के भय के बिना जीवन के समुद्र में खोने के योग्य हो जाते हैं।

इस वचन में पतरस कहता हैः वैसे ही हम भी जब बालक थे तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे। परन्तु जब समय पूरा हुआ तो परमेश्वर ने अपने पु़त्र को भेजा जो स्त्री से जन्मा और व्यवस्था के (नियमों के) अधीन उत्पन्न हुआ ताकि व्यवस्था के अधीनों को मोल लेकर छुड़ा ले और हमको लेपालक होने का पद मिले और तुम जो पुत्र हो इसलिए परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को जो ‘‘हे अब्बा और हे पिता‘‘ कहकर पुकारता है हमारे हृदय में भेजा है।

-गलातियों 4:3-6

जब परमेश्वर की आत्मा आप में है, परमेश्वर की व्यवस्था आपके हृदय पर लिखी हुई है। आपको अब और अधिक व्यवस्था को याद नहीं करना है क्योंकि आप पवित्र आत्मा के नेतृत्व का अनुकरण करते हैं जो आपको सही दिशा में ले जाएगा।

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