
जिसके द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक (परमेश्वर के अनुग्रह की स्थिति), जिसमें हम बने हैं [दृढ़ता से और सुरक्षित रूप से], हमारी पहुंच भी हुई [प्रवेश, परिचय], और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। (रोमियों 5:2)
हमारे आध्यात्मिक जीवन में सब कुछ परमेश्वर में हमारे व्यक्तिगत विश्वास और उसके साथ हमारे व्यक्तिगत संबंधों पर निर्भर करता है, जिसमें निश्चित रूप से उसकी आवाज सुनने में सक्षम होना शामिल है। हम उस रिश्ते का आनंद ले सकते हैं क्योंकि क्रूस पर यीशु की मृत्यु हमें स्वर्गीय पिता तक पूर्ण पहुंच प्रदान करती है, और हमारा विश्वास हमारे लिए एक अंतरंग, गतिशील संबंध को बनाना संभव बनाता है।
मुझे इफिसियों 3:12 पसंद है और हाल ही में इसका अध्ययन कर रही हूँ। यह कहती हैः “जिसमें हमको उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे (साहस और आत्मविश्वास) से निकट आने का अधिकार है (स्वतंत्रता के साथ और भय के बिना परमेश्वर के लिए एक अनारक्षित दृष्टिकोण)।” जब मैंने इस वचन पर ध्यान दिया, मैं यह महसूस करने के लिए काफी उत्साहित हो गई कि साधारण मनुष्य के रूप में प्रार्थना के माध्यम से किसी भी समय परमेश्वर तक हमें पूर्ण पहुंच है; हम जब चाहते या जब हमें इसकी जरूरत है तब उसकी आवाज कभी भी सुन सकते हैं। हम बिना किसी शंका के, बिना किसी भय के, और पूरी स्वतंत्रता के साथ निर्भीकता से उससे संपर्क कर सकते हैं। यह कितना अद्भुत है! परमेश्वर में व्यक्तिगत विश्वास उसके द्वारा असीमित मदद और उसके साथ अबाधित संचार के लिए द्वार खोलता है।
परमेश्वर के पास इस विश्वास के साथ आएं कि वह आपसे प्यार करता है, आपकी संगति को चाहता है, और न केवल आपसे सुनना चाहता है, बल्कि वह आपसे बात करना चाहता है।
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आज आप के लिए परमेश्वर का वचनः
परमेश्वर से सुनने की और उसके पवित्र आत्मा के द्वारा चलाएं जाने की उम्मीद रखें।