हमको उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा (उद्धार और बचाव) अर्थात् अपराधों (हमारी कमियों व गलतियों) की क्षमा उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित (व्यवहारिक अंतदृष्टि और विवेक) हम पर बहुतायत से किया क्योंकि उसने अपनी इच्छा का भेद उस भले अभिप्राय (उसके अनुग्रहपूर्ण उद्देश्य) के अनुसार हमें बताया जिसे उसने अपने आप में ठान लिया था। -इफिसियों 1:7-9
यदि आप परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो यह स्वभाव आपके लिए क्या करेगा यह अद्भुत है। हम यह कहकर मसीहियत को कठिन बना देते हैं कि हम अपने उद्धार के आनंद को खोएँगे। प्राथमिक बात जो हमें करने की ज़रूरत है वह परमेश्वर के प्रेम को प्राप्त करना और एक सन्तुलित रूप से स्वयं को किस प्रकार प्रेम करना है यह सीखना, वापस परमेश्वर से प्रेम करना और तब प्रेम को ऐसे संसार में बहने देना है जो पीड़ित और मरते हुए लोगों से भरी हुई है। जो हम देते हैं न केवल परमेश्वर हमें उसे वापस करेगा परन्तु उसके साथ हमें एक बहुत बड़ा आनंद भी देगा।
संसार धनी लोगों से भरा हुआ है जिनके पास बहुत सारी “वस्तुएँ” है, परन्तु पीड़ित हैं, कष्ट में हैं। भौतिक रूप से आनन्दित होना और बाइबल के अनुसार समृद्धि के मध्य में आशीषित होना और भी अच्छा है। हम उन द्वारों के लिए अद्भुत आश्चर्य करते हैं जो परमेश्वर ने हमारे लिए खोला है। मैं इसकी कल्पना नहीं कर सकती परन्तु मुझ में दृढ़ता है कि जब तक मैं साँस ले सकती हूँ मैं अधिक से अधिक लोगों की सहायता का प्रयास करते हुए उस पर चलती रहूँगी जो मेरे समान अपने जीवन में परमेश्वर के आनंद को स्वीकार कर सकते हैं।
वर्तमान समय में हमारा समाज बहुत बड़ा और बहुत बड़ी पीड़ा में है और लोग नहीं समझते कि उन्हें परमेश्वर की ज़रूरत है। बहुत से लोगों को परमेश्वर का ज्ञान है जो सत्य नहीं है और वे अपनी समस्याओं के हल के लिए उसकी ओर मुड़ना नहीं जानते हैं। परमेश्वर ने डेव और मुझे एक सेवकाई के लिए बुलाया जिसने एक ऐसे उत्साही परमेश्वर को हम दिखा सके जो रोचक, उदार और अद्भुत है और जो उनकी समस्याओं का समाधान करता है।